3 जनवरी को आरक्षण विधेयक को लेकर कांग्रेस की जन अधिकार रैली, सर्व समाज प्रमुखों ने जन अधिकार रैली का समर्थन दिया

3 जनवरी को आरक्षण विधेयक को लेकर कांग्रेस की जन अधिकार रैली, सर्व समाज प्रमुखों ने जन अधिकार रैली का समर्थन दिया

December 31, 2022 Off By Samdarshi News

70 से अधिक समाजों के प्रमुखों ने पीसीसी अध्यक्ष मरकाम को दिया समर्थन

307 ब्लॉको, 90 विधानसभा क्षेत्रों से आयेंगे कांग्रेस कार्यकर्ता

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर

आरक्षण विधेयक को राजभवन में लटकायें जाने तथा आरक्षण संशोधन विधेयक पर भाजपा के चरित्र को बेनकाब करने कांग्रेस के द्वारा 3 जनवरी को जन अधिकार महारैली राजधानी के साइंस कॉलेज में आयोजित की गयी है। सर्व समाज के प्रमुखों ने जन अधिकार रैली को समर्थन दिया है 70 से अधिक समाजों के प्रमुखों ने प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम से मुलाकात कर टेलीफोनिक चर्चा कर तथा लिखित में भी समर्थन देकर रैली में शामिल होने पर सहमति जताई है। विभिन्न समाजों के लोग जन अधिकार रैली में अपने समाज का बैनर लेकर शामिल होंगे तथा आरक्षण संशोधन विधेयक को जिस प्रकार से राजभवन में रोका गया है उस पर अपना प्रतिरोध जतायेंगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम दिनभर राजीव भवन में विभिन्न समाज के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर उनसे रैली में शामिल होने के लिये समर्थन मांगा। समाज प्रमुखों ने भी कहा कि कांग्रेस आम आदमी वंचित वर्ग की लड़ाई लड़ रही है। हम सब पूरी एकजुटता से जन अधिकार रैली में शामिल होंगे। आरक्षण संशोधन पर हस्ताक्षर नहीं होने के सभी का अहित हो रहा है इस पर तत्काल हस्ताक्षर होना चाहिये। कांग्रेस की सरकार ने सभी समाज के साथ न्याय किया है। इसको रोकना गलत है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि जन अधिकार रैली भाजपा के आरक्षण विरोधी चरित्र को बेनकाब करने के लिये छत्तीसगढ़ के सर्व सामाज का प्रतिरोध है। इस महारैली में प्रदेश के कोने-कोने से एक लाख से अधिक लोग शामिल होंगे तथा अपने हक एवं अधिकार की बात करेंगे। कांग्रेस के 90 विधानसभा तथा 307 ब्लॉको के कार्यकर्ता इस रैली में शामिल होंगे। सभी जिलाध्यक्षों एवं कांग्रेस के विधायक गण अपने क्षेत्र के लोगों के साथ रैली में शामिल होंगे।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि आरक्षण संशोधन विधेयक विधानसभा में पारित हो गया तो राजभवन को तत्काल हस्ताक्षर कर देना चाहिये। राजभवन में इसके पहले भी जब कृषि संशोधन विधेयक पारित हुआ था तब भी हस्ताक्षर करने में विलंब हुआ था। इस देरी से गलत संदेश जनता के बीच जा रहा जो राजभवन की गरिमा के विपरीत है। आरक्षण संशोधन विधेयक छत्तीसगढ़ के सभी समाज के हितों का सवाल हैं। छत्तीसगढ़ के ओबीसी वर्ग के हितों का सवाल है। छत्तीसगढ़ के अनुसूचित जाति वर्ग एवं अनारक्षित वर्ग के गरीबों के हितो का सवाल है। 76 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। इसमें राजभवन को तत्काल हस्ताक्षर करना चाहिये। भारतीय जनता पार्टी नहीं चाहती कि यह बिल कानून बने इसीलिये वह राजभवन में इस बिल पर हस्ताक्षर नहीं होने दे रही।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि विधानसभा ने पूर्ण बहुमत एवं ध्वनि मत से विधेयक को पारित किया है। आरक्षण संशोधन विधेयक सभी पहलुओं को देखने के बाद ही विधानसभा में लाया गया था तथा विधेयक लाने के तार्किक आधार को सरकार ने एकत्रित किया है। पिछड़ा वर्ग की आबादी के लिये क्वांटी फायबल डाटा आयोग गठित किया गया अनुसचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की आबादी के जनगणना के आंकड़ो के आधार पर तथा ईडब्लूएस आरक्षण लोकसभा में पारित कानून के आधार पर लाया गया है। यह विधेयक पूरी तरीके से कानून सम्मत एवं तर्क सम्मत विधेयक है। इसमें तत्काल हस्ताक्षर होना चाहिये।