नारायणपुर की घटना को लेकर कुनकुरी में विहिप ने स्थानीय प्रशासन को राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन

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मतांतरण की चल रही तमाम गतिविधियों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की गई है

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, कुनकुरी/जशपुर

विश्व हिन्दु परिषद् जिला जशपुर द्वारा प्रदेश के नारायणपुर बस्तर क्षेत्र में धर्मांतरित ईसाइयों द्वारा अनुसूचित जनजाति के लोगो पर हमले की घटना दिनो दिन उग्र रूप लेती जा रही है। आंदोलित आदिवासी समाज पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन करते हुए कार्यवाही एवं सुरक्षा की मांग को लेकर शासन प्रशासन को ज्ञापन दे रहा है। इसी कड़ी में कुनकुरी में महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी के स्थान पर तहसीलदार के माध्यम से दिया गया है।

ज्ञापन देने गये प्रतिनिधि मण्डल में विहिप के जिलाध्यक्ष करनैल सिंह के साथ भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष रोहित साय, भरत सिंह, सुनील अग्रवाल, श्रीनायक मिश्र, संतोष सहाय, अमन शर्मा, अमित मिश्रा, इंदर हेडा, उदय शर्मा, शिवा चौहान, के साथ विहिप, भाजपा, कल्याण आश्रम आदि हिन्दु संगठनों के पदाधिकारी एवं सदस्यगण सम्मिलित रहे।

दिये गये ज्ञापन में घटना का उल्लेख करते हुए लिखा गया है कि हाल ही में नारायणपुर में धर्मान्तरित ईसाइयों के द्वारा अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में आने वाले नागरिकों पर प्राणघातक हमले किए गए। धर्मान्तरित ईसाइयों के द्वारा की गई। यह कोई पहली हिंसक घटना नहीं थी, इससे पूर्व में भी देश-प्रदेश में ऐसी घटनाएं देखी जा चुकी हैं। ईसाइयों के द्वारा की जा रही इस तरह की घटनाओं के परिणामस्वरूप समूचे छत्तीसगढ़ में सामाजिक विद्वेष की स्थिति निर्मित हो चुकी है।

धर्म परिवर्तन की बड़ती घटनाओं ने क्षेत्रीय अस्मिता को भी संकट में डाल दिया है, जिसके कारण अब छत्तीसगढ़ की संस्कृति भी खतरे में है। ईसाइयों के बढ़ते प्रभाव वाले क्षेत्रों में सामुदायिक सौहार्द भी बिगड़ने लगा है और इससे प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में अस्थिरता की स्थिति उत्पन्न हो रही है। देश के विभिन्न हिस्सों में हमने यह उदाहरण देखें हैं कि कैसे धर्मान्तरित समूहों की जनसंख्या में अप्रत्याशित वृद्धि ने क्षेत्रीय अशांति, अस्थिरता के साथ-साथ कट्टरपंथ एवं अलगाव की भावना को भी जन्म दिया है। छत्तीसगढ़ में भी अनेक हिस्सों में हुए समाजिक तनाव की स्थितियों ने इस ओर संकेत दिए हैं कि प्रदेश में साम्प्रदायिक एवं कट्टरपंथी शक्तियां अपना विस्तार कर रही हैं।

छत्तीसगढ़ में मिशनरी समूह के द्वारा जिस प्रकार से हिंदु समाज के लोगों को विभिन्न माध्यमों से धर्मान्तरित किया जा रहा है, इसमें हिंदु समाज को कमजोर करने का योजनाबद्ध षड्यंत्र है। ईसाई मिशनरियों के द्वारा किए जा रहे इन अनैतिक कृत्यों के कारण प्रदेश में सामाजिक वैमनस्यता का स्वर इतना अधिक हो चुका है कि छोटे-छोटे गांवों में भी साम्प्रदायिक हिंसा की घटना देखी जा ही है। प्रदेश में धर्मान्तरित ईसाइयों के बढ़ते प्रभाव के दुष्परिणाम भी दिखाई दे रहें हैं।

छत्तीसगढ़ के उत्तर से लेकर दक्षिण तक सामाजिक तनाव की स्थिति निर्मित हो रही है, जिसके कारण समाज को विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। यह सभी घटनाएं इस ओर संकेत कर रहीं हैं कि यदि समय रहते इन पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो ये घटनाएं केवल छत्तीसगढ़ प्रदेश को ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर पूरे देश को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेंगी, और इसके दुष्परिणाम पूरे देश के लिए घातक होंगे।

अतः हम समाज के लोग आपसे अनुरोध करते हैं कि क्षेत्र में मतांतरण की चल रही तमाम गतिविधियों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए, इसपर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए। साथ ही धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कठोरतम कानून बनाया जाए। यह भी निवेदन है कि धर्मान्तरण की अवैध गतिविधियों में सम्मिलित लोगों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि हम अपने प्रदेश को किसी भी संभावित साम्प्रदायिक हिंसा एवं तनाव में जाने से रोक सके और प्रदेश में शांति एवं स्थिरता बनी रहे।

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