जशपुर जिले के सभी स्वामी आत्मानंद विद्यालय के बच्चे अब सीखेंगे कोडिंग, विद्यार्थियों को कंप्यूटर प्रोग्रामिंग एवं डिजिटल स्किल में किया जाएगा पारंगत
January 11, 2023समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर
वर्तमान शिक्षण सत्र में जिले में शिक्षा को लेकर कई अभिनव प्रयास कलेक्टर डॉ रवि मित्तल द्वारा किया जा रहा है उसी कड़ी एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है जिसके अंतर्गत जिले में संचालित 8 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों के विद्यार्थियों को कंप्यूटर प्रोग्रामिंग एवं कोडिंग सिखाने की योजना लागू की गई है। इस महत्वपूर्ण योजना के क्रियान्वयन के लिए नव गुरुकुल के मेराकी टीम से सहयोग लिया जा रहा है। मेराकी एक एंड्राइड एप्लीकेशन है जिसके माध्यम से विद्यार्थियों को कंप्यूटर प्रोग्रामिंग एवं डिजिटल में दक्ष बनाया जाता है। इस कार्यक्रम के तहत जिले के चार स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय जशपुर, कांसाबेल, पत्थलगांव और पतराटोली में वहां के कंप्यूटर शिक्षक एवं इंजीनियरिंग बैकग्राउंड वाले शिक्षकों को मेराकी टीम के द्वारा इस विषय पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे अपने विद्यालय के कक्षा चौथी से 12वीं के बच्चों को कंप्यूटर प्रोग्रामिंग एवं कोडिंग सिखा सकें। शेष चार सेजेस मनोरा, कुनकुरी, बगीचा एवं फरसाबहार में मेराकी टीम द्वारा सीधे वहां के विद्यार्थियों को वर्चुअल कक्षा के माध्यम से कंप्यूटर प्रोग्रामिंग एवं कोडिंग सीखयेंगे। इस तरह की कक्षा कल से 12 जनवरी से प्रारंभ कर दी जाएगी । इस प्रकार के कार्यक्रम के लिए विगत एक माह से विभिन्न स्तरों पर कलेक्टर डॉ रवि मित्तल के द्वारा गुरुकुल की टीम के साथ मीटिंग करते हुए कार्यक्रम को अंतिम रूपरेखा प्रदान की गई है और अब जिले में इस कार्यक्रम को लागू कर दिया गया है । इस कार्यक्रम को दो स्तर पर लागू किया जा रहा है। पहले स्तर पर कक्षा चार से कक्षा सात के बच्चों को कंप्यूटर साइंस किक स्टार्ट प्रोग्रामिंग स्क्रैच भाषा सिखाई जाएगी जो 30 घंटे का होगा। दूसरे स्तर में कक्षा आठवीं से 12वीं के विद्यार्थी को कंप्यूटर साइंस का बेसिक पाइथन सिखाया जाएगा वो भी 30 घंटे का कार्यक्रम होगा। नवगुरुकुल मेराकी द्वारा सफलतापूर्वक कोर्स पूर्ण करने वाले सभी विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट भी प्रदान किया जाएगा। इस प्रकार स्वामी आत्मानंद विद्यालय में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों को आज वर्तमान समय की आवश्यकता डिजिटल स्किल सीखने का अवसर उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक वातावरण तैयार कर सभी बच्चों को लाभान्वित किया जाने का कार्यक्रम प्रारंभ किया जा रहा है।