रमन राज में इन्वेस्टर मीट के नाम पर करोड़ों रुपए फूंक गए पर निवेश नहीं आया, भूपेश सरकार के विगत 4 वर्षों में लगभग 1 लाख़ करोड़ का निवेश, 40 हज़ार से अधिक युवाओं को निजी उद्योगों में मिले रोजगार

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समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर

रायपुर : छत्तीसगढ़ में निजी उद्योगों की स्थापना के संदर्भ में आंकड़े जारी करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि रमन सिंह के 15 साल के कुशासन में केवल काल्पनिक दावे किए जाते रहे। कभी रतनजोत से डीजल, कभी औषधि खेती, तो कभी हजारों मेगावाट के पावर प्लांट लगाने का सपना दिखाया गया। ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के नाम पर करोड़ों रुपए फूंक गए, लेकिन ना उद्योग लगे, ना युवाओं को रोजगार मिला। 2015 में जहां केवल 15 हज़ार करोड़ का निवेश था, वहीं भूपेश सरकार में 2020 में 78 हज़ार करोड़ का निवेश छत्तीसगढ़ में आया। वर्ष 2021 में 17 हज़ार करोड़ के नए ओएमयू हुए। विगत 4 वर्ष में भूपेश बघेल सरकार ने कृषि, वनोपज प्रसंस्करण, लौह अयस्क तथा कुटीर उद्योग आधारित परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करके व्यवहारिक नीतियां बनाई। राज्य में उद्योग हितैषी नई उद्योग नीति तैयार की गई, आवंटित भूमि की दरों को 30 परसेंट तथा लीज रेंट की दरों को एक परसेंट कम किया गया, साथ ही फ्रीहोल्ड, आंशिक हस्तांतरण की प्रक्रिया को सरल बनाया गया। कोर सेक्टर के साथ ही 13 एथेनॉल प्लांट के ओएमयू, फूड सेक्टर, फार्मास्यूटिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, डिफेंस, सोलर आदि क्षेत्रों की परियोजनाएं भी छत्तीसगढ़ में स्थापित हो रही है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के बेरोजगार युवाओं को स्वयं का उद्यम या उद्योग स्थापना के लिए मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना लागू किया जिसके तहत आर्थिक सहायता के लिए मनी मार्जिन अनुदान दिया जा रहा है और इसी का परिणाम है कि छत्तीसगढ़ में विगत 4 वर्षों में कृषि और खाद्य प्रसंस्करण पर आधारित 486 इकाइयां स्थापित हुई है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा औद्योगिक विकास को गति देने के निर्णय के परिणामस्वरूप राज्य में लगभग चार साल के भीतर ही 2307 नए उद्योग स्थापित हुए, जिसमें 40 हजार 906 लोगों को रोजगार मिला है। छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार ने अनेक ऐसे प्रयास किए हैं, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिले। यह भूपेश सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है कि बेरोजगारी दर के मामले में जो रमन सिंह के समय सितंबर 2018 में 20.2 प्रतिशत था वह अब सितम्बर 2022 से निरंतर 0.1 प्रतिशत पर है। औद्योगिक नीति 2019-2024 में संशोधन किए गए हैं और सरकार ने इस्पात और लौह अयस्क क्षेत्रों में ऐसी परियोजनाओं के लिए विशेष निवेश प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की है। छत्तीसगढ़ में स्थापित होने वाले उद्योगों में छत्तीसगढ़ के युवाओं को रोजगार सुनिश्चित करने नई उद्योग नीति में प्रमुखता से प्रावधान किए गए हैं।

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