17वाँ वार्षिक अधिवेशन (CAPCON- 2022-23) : पैथोलॉजी का दो दिवसीय राज्य स्तरीय वार्षिक अधिवेशन शनिवार से शुरू, रोगों के निदान में पैथोलाॅजिस्ट्स की भूमिका महत्वपूर्ण

17वाँ वार्षिक अधिवेशन (CAPCON- 2022-23) : पैथोलॉजी का दो दिवसीय राज्य स्तरीय वार्षिक अधिवेशन शनिवार से शुरू, रोगों के निदान में पैथोलाॅजिस्ट्स की भूमिका महत्वपूर्ण

February 4, 2023 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के पैथोलॉजी विभाग के आतिथ्य में पैथोलॉजी का राज्य स्तरीय दो दिवसीय 17वाँ वार्षिक अधिवेशन ( CAPCON- 2022-23)   महाविद्यालय परिसर स्थित नवनिर्मित अटल बिहारी वाजपेयी सभागार में शनिवार 4 जनवरी से प्रारंभ हुआ। इस महत्वपूर्ण अधिवेशन में छत्तीसगढ़ राज्य के लगभग 180 शासकीय एवं निजी पैथालाॅजिस्ट भाग ले रहे हैं।

शनिवार को इसका औपचारिक शुभारंभ पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. अशोक चंद्राकर की अध्यक्षता और श्री आर. प्रसन्ना, सचिव स्वास्थ्य के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। शुभारंभ समारोह में संचालक चिकित्सा शिक्षा डाॅ. विष्णु दत्त, अधिष्ठाता डाॅ. तृप्ति नागरिया, अधीक्षक डाॅ. एस.बी.एस. नेताम, छत्तीसगढ़ पैथालाॅजी संघ (आई.ए.पी.एम.सी.जी.) की अध्यक्ष डाॅ. रेणुका गहिने और सचिव डाॅ. जयन्ती चंद्राकर उपस्थित रहे।

अधिवेशन के आयोजन अध्यक्ष प्रोफेसर डाॅ. अरविन्द नेरल ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि इस सम्मेलन में तमिलनाडु, बेंगलुरु, हैदराबाद तथा नागपुर के ख्याति प्राप्त पैथोलॉजिस्ट व्याख्यान दे रहे हैं और अपने अनुभव साझा कर रहे हैं। डाॅ. नेरल ने स्वास्थ्य सचिव से चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर में भविष्य में पृथक ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन और हीमेटोलॉजी विभाग प्रारंभ करने के लिये आग्रह किया।

स्वास्थ्य सचिव श्री आर. प्रसन्ना ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जैसा कि आप सभी जानते हैं चिकित्सा के क्षेत्र में बीमारियों की रोकथाम और निदान के लिए नैदानिक (डायग्नोस्टिक) पक्ष बहुत ही महत्वपूर्ण है। पैथोलॉजिस्ट की भूमिका रोगों के निदान में बहुत महत्वपूर्ण होती है। भविष्य में लोगों के लिये डायग्नोस्टिक सुविधा को और भी बेहतर बनाने की दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं। इसी तारतम्य में चिकित्सा महाविद्यालय में ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन और हीमेटोलॉजी विभाग प्रारंभ करने के प्रयास किये जायेंगें।

आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. अशोक चंद्राकर ने कहा कि पैथोलॉजिस्ट मरीज के डायग्नोस्टिक टीम के मुख्य सदस्य होते हैं। चाहे कैंसर डिटेक्शन हो, या अन्य कोई गंभीर बीमारी, पेशेंट की बीमारी का प्रोग्नोसिस एवं ट्रीटमेंट पैथोलॉजिस्ट के बताये गयी जानकारी और डायग्नोस्टिक पर निर्भर करता है। प्रोफेसर डाॅ. राबिया परवीन सिद्दीकी ने उद्घाटन समारोह में आये अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस वृहद वैज्ञानिक व शैक्षणिक अधिवेशन के सफल क्रियान्वयन के लिये आयोजन समिति बनाई गई है। डाॅ. अरविन्द नेरल आयोजन अध्यक्ष, डाॅ. राबिया परवीन सिद्दीकी आयोजन सचिव, डाॅ. चन्द्रकला जोशी सह सचिव है। समिति के अन्य सदस्य हैं – डाॅ. वर्षा पाण्डेय, डाॅ. अमित कुमार भारद्वाज, डाॅ. विजय कापसे, डाॅ. वनिता आदिले, डाॅ. रीति शर्मा, डाॅ. रुचि वर्मा, डाॅ. कस्तूरी मंगरुलकर, डाॅ. विकास बाम्बेश्वर, डाॅ. अनुभव चंद्राकर, डाॅ. सरोज कुमारी, डाॅ. सूदित पाल, डाॅ. पुष्कर चौधरी, डाॅ. अविरल मिश्रा, डाॅ. मेघा वर्मा, डाॅ. सरिता ठाकुर, डाॅ. मिलौनी लांजेवार।