आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से कुपोषित बच्चों को वितरित किये जाएंगे अंडे, तेलीगुंडरा एग प्लांट से हर दिन 5000 अंडों का होगा उत्पादन

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शीघ्र ही वितरण होगा आरंभ, कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक ली

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, दुर्ग

आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से कुपोषित बच्चों को पोषण के दायरे में लाने के लिए अंडों का वितरण किया जाएगा। इसके लिए पाटन के तेलीगुंडरा में स्थित एग प्लांट से शीघ्र ही अंडों का उत्पादन आरंभ हो जाएगा। इस प्लांट की क्षमता हर दिन पांच हजार अंडों के उत्पादन की है। आज कलेक्टर श्री पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में इस संबंध में विस्तार से चर्चा की। उल्लेखनीय है कि पूर्व में कुपोषित बच्चों का सर्वे किया गया था और ऐसे परिजनों को चिन्हांकित किया गया था जो अपने बच्चों को अंडा खिलाने के लिए तैयार थे। ऐसे 5 हजार 300 बच्चों को चिन्हित किया गया है। कुपोषित बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से अंडों का वितरण किया जाएगा।

हाईट बढ़ने में पहले और वजन बढ़ने में प्रदेश में चौथे स्थान पर दुर्ग जिले के आंगनबाड़ी के बच्चे- बैठक में कलेक्टर ने वजन त्योहार के आंकड़ों पर चर्चा की। जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री विपिन जैन ने बताया कि अभी जिले में 12.10 फीसदी बच्चे कुपोषित हैं। वर्ष 2019 में कुपोषित बच्चों का प्रतिशत 15.71 था। जहां वर्ष 2019 में 15413 बच्चे कुपोषित थे वहीं वर्ष 2022 में 12194 बच्चे कुपोषित हैं। वजन त्योहार में बच्चों के वजन के साथ ही उनकी ऊंचाई भी नापी जाती है। वेट गेन करने के मामले में दुर्ग जिले के बच्चों ने अच्छी तरक्की की है और पूरे प्रदेश में दुर्ग जिले का चौथा स्थान है। ऊंचाई बढ़ने के मामले में दुर्ग के आंगनबाड़ी के बच्चे प्रदेश में अव्वल हैं।

जिन सेक्टर में अच्छा कार्य नहीं, उनसे भी पूछा- कलेक्टर ने उन सेक्टर के सुपरवाइजर से भी जानकारी ली जिनके यहां कुपोषित बच्चों को कुपोषण के दायरे से बाहर लाने में सफलता नहीं मिल पा रही। मतवारी की सुपरवाइजर से पूछने पर उन्होंने बताया कि बच्चों की माता काम पर चली जाती हैं जिसकी वजह से उनका पोषण प्रभावित होता है। बच्चों को एनआरसी ले जाने पर वे सहमत नहीं होते। इस पर कलेक्टर ने कहा कि उन्हें बताएं कि किस प्रकार एनआरसी उनके बच्चे की पोषण स्थिति के लिए बेहतर साबित हो सकता है। इस पर भी नहीं मानने पर वे ऐसा डाइट प्लान करें जो एनआरसी में बच्चों को दिया जाता है और नियमित अंतरालों में बच्चों को यह खिलाएं। धमधा में कुपोषित बच्चों की संख्या अन्य परियोजनाओं से ज्यादा थी। कलेक्टर ने इस पर कड़ी मेहनत करने अधिकारियों को कहा।

जहां आंगनबाड़ी की मरम्मत की जरूरत हो, वहां डीएमएफ से कराएं मरम्मत- कलेक्टर ने अधोसंरचना संबंधी स्थिति की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि जिन आंगनबाड़ियों में मरम्मत की जरूरत है अथवा नये भवन की जरूरत हो तो इसके लिए अवगत कराएं। डीएमएफ के माध्यम से आंगनबाड़ियों की मरम्मत कराई जाएगी। उन्होंने सभी रिक्त पदों को भी शीघ्र भरने के लिए अधिकारियों को कहा।

मानिकचौरी भी कुपोषण मुक्त ग्राम- कलेक्टर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अंतर्गत तेजी से कार्य करते हुए सभी गांवों को कुपोषण मुक्त करें। कुछ महीनों पहले बटरेल कुपोषण के दायरे से बाहर आ गया था। अभी मानिकचौरी भी कुपोषण के दायरे से बाहर आ गया है।

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