1137 बच्चों का कराया गया स्वर्ण प्राशन : शारीरिक-मानसिक विकास में मददगार होने के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता, एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ाता है स्वर्ण प्राशन

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आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय में हर पुष्य नक्षत्र तिथि में 0-16 वर्ष के बच्चों को कराया जाता है स्वर्ण प्राशन

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय रायपुर द्वारा आज 1137 बच्चों को स्वर्ण प्राशन कराया गया। आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय के कौमारभृत्य बाल रोग विभाग में 610 बच्चों को स्वर्ण प्राशन कराया गया। वहीं शहर के तीन स्कूलों शासकीय प्राथमिक शाला कोटा और चंगोराभाठा तथा गार्गी पब्लिक स्कूल बोरिया कला में शिविर आयोजित कर कुल 527 बच्चों को इसका सेवन कराया गया।

शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय रायपुर में हर पुष्य नक्षत्र तिथि में शून्य से 16 वर्ष के बच्चों को स्वर्ण प्राशन कराया जाता है। इस वर्ष की दो अन्य पुष्य नक्षत्र तिथियों 9 जनवरी और 4 फरवरी को भी क्रमशः 831 और 1124 बच्चों को स्वर्ण प्राशन कराया गया था। यह औषधि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, श्वसन संबंधी एवं अन्य रोगों से रक्षा करने के साथ ही एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ाने में अत्यंत लाभकारी है। यह बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में भी मदद करता है।

शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय रायपुर के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. लवकेश चंद्रवंशी ने बताया कि आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय का उद्देश्य केवल बच्चों की बीमारियों का इलाज करना ही नहीं है, बल्कि उनके स्वास्थ्य की गुणवत्ता को बढ़ाना और उन्हें बीमार होने से बचाना भी है। स्वर्ण प्राशन हर महीने की पुष्य नक्षत्र तिथि में शून्य से 16 वर्ष के बच्चों को पिलाई जाने वाली औषधि है।

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