जशपुर जिले के गौठानों में 168 चारागाह और 317 पशु आश्रय के कार्य पूर्ण, चारागाह में पशुओं को मिल रहा है हरा चारा

Advertisements
Advertisements

समूह की महिलाओं द्वारा लगाया गया गौठान में नेपियर घास, मक्का, ज्वार के साथ साग सब्जी

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,

जशपुर. छत्तीसगढ़ शासन की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरूवा, बाड़ी योजना अंतर्गत् गौठानों में चारा विकास के लिए जिले में विशेष पहल की जा रही है। गौठानों में स्व सहायता समूह की महिलाओं को आजीविका से जोड़ा जा रहा है और उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। जिले में अब तक 168 चारागाह और 317 पशु आश्रय के कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इसके साथ ही गौठानों में पशुओं के लिए नेपियर घास, मक्का, ज्वार आदि भी लगाया गया है।

पशुपालन विभाग के उप संचालक डॉ. जी.एस.तंवर ने बताया कि चारागाह की सुविधा के लिए जिला पंचायत द्वारा सिंचाई एवं फैंसिंग का कार्य कराया गया है। गौठानों में चारागाह विकास वर्ष भर चारा उपलब्ध बनाए रखने के लिए पशुधन विकास विभाग, कृषि विज्ञान केन्द्र, कृषि एवं उद्यानिक विभाग के अधिकारी-कर्मचारी द्वारा समिलित रूप से ब्लॉक, ग्राम एवं गौठान स्तरीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

नेपियर एक बहुकटाई वाला हरा चारा है जिसकी पहली कटाई 60-70 दिन के बाद तथा उसके बाद फसल वृद्धि अनुसार आगे 40-45 दिनों में दूसरी कटाई के लिए तैयारी हो जाती है। वर्ष भर में इसकी 3 से 4 बार कटाई की जा सकती है। औसतन 1000-1500 क्विंटल प्रति हेक्टर हरा चारा प्राप्त हो जाता है। गौठान के चारागाह से जुड़कर स्व सहायता समूह की महिलाएं साग-सब्जी का भी उत्पादन करके आर्थिक लाभ प्राप्त कर रही हैं। 

Advertisements
Advertisements
error: Content is protected !!