विश्वविद्यालय में एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न : समस्याओं के अध्ययन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण कारगर – कुलपति

विश्वविद्यालय में एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न : समस्याओं के अध्ययन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण कारगर – कुलपति

March 17, 2023 Off By Samdarshi News

केस स्टडी के आधार पर हो अध्ययन –  प्रोफेसर गुलालिया

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जगदलपुर

कुलपति प्रोफेसर एम. के. श्रीवास्तव  ने आधुनिक समाजिक परिवेश में  प्रशिक्षण के महत्व को रेखांकित  करते हुए इसे   नितांत आवश्यक बताया है।  वे आज यहां शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय  परिसर  में कौशल विकास पर आयोजित कार्यशाला को अध्यक्षीय आसंदी से संबोधित कर रहे थे।

विश्वविद्यालय के समाज कार्य अध्ययन शाला  द्वारा  कौशल विकास पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रोफेसर श्रीवास्तव ने आगे कहा कि एक प्रशिक्षित कार्यकर्ता समाज के उत्थान में उत्प्रेरक की भूमिका का निर्वाह कुशलतापूर्वक कर सकता है। उन्होंने  कार्यशाला में उपस्थित विद्यार्थियों को विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग, गणित व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए आगे  कहा कि विभिन्न प्रकार की सामाजिक समस्याओं के   वैज्ञानिक अध्ययन  में  उक्त माध्यम काफी प्रभावशाली साबित हो सकते हैं। इतना ही नहीं इन माध्यमों का उपयोग कर समस्याओं के समाधान का मार्ग भी समाज के सामने प्रस्तुत किया  जा सकता है। दूसरे शब्दों में समस्याओं के समाधान में इनकी भूमिका बेहद प्रसांगिक है। इतना ही नहीं विकास कें  लक्ष्यों  को हासिल करने में समावेशी विकास की योजना कि भी मदद ली जा सकती हैं। 

बतौर मुख्य वक्ता के रूप में  उपस्थित नेशनल काउंसिल ऑफ रूरल एजुकेशन हैदराबाद (तेलंगाना) की  अकादमिक सलाहकार प्रोफेसर पूनम गुलालिया ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि सामाजिक अध्ययन में केस स्टडी और रोल प्ले की प्रभावी भूमिका होती है। इसलिए विद्यार्थियों को अपने अध्ययन में समस्याओं को वर्गों में विभाजित कर उनका अध्ययन करना चाहिए। दरअसल इस तकनीक को अपनाकर सामाजिक कार्यकर्ता    बेहतर ढंग से प्रशिक्षित हो सकते  है।

कार्यशाला  को समाज कार्य विभाग की विभागाध्यक्ष डॉक्टर सुकृति  तिर्की ने भी संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में विद्यार्थियों को यह सलाह दी कि उन्हें समाज के विभिन्न वर्गों  के बीच  कार्य करने के पूर्व पहले स्वयं  अच्छी तरह से प्रशिक्षित हो जाना चाहिए।  कार्यशाला में ग्रामीण प्रौद्योगिकी अध्ययन शाला  के विद्यार्थियों के साथ- साथ डॉ दुर्गेश डिक्सेना, डॉक्टर तूलिका शर्मा व श्री फुकेश  वैद  भी उपस्थित थे।