अडानी के हेराफेरी, लूट के षड़यंत्र और फर्जीवाड़े पर मोदी मौन क्यों?, देश की जनता का पैसा और भरोसा डुबाने में केवल अडानी ही नहीं मोदी भी भागीदार – सुशील आनंद शुक्ला

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला कहा कि हिंडेनबर्ग खुलासे के एक महिनें से अधिक समय बीत जाने के बावजूद अब तक ना कोई एफआईआर, ना किसी भी तरह की जांच का आदेश? आखिर मोदी सरकार मौन क्यों है? हिंडनर्बग के रिपोर्ट में उजागर आर्थिक अनियमितता, मनी लांड्रिंग, ब्लैक मनी और विदेशों में फर्जी सेल कंपनियां बनाकर किए जा रहे हैं फर्जीवाड़े पर भाजपा और मोदी सरकार को भी भागीदार है। अडानी से भाजपा को सपोर्ट मिलता है, चुनाव लड़ने के लिए पैसा मिलता है और इसीलिए अडानी को बचाने उसके फर्जीवाड़े पर मोदी सरकार पर्दा डाल रही है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला कहा कि अडानी के घोटाले के कारण 120 मिलियन डॉलर अर्थात 10 लाख़ करोड़ से अधिक आम जनता के मेहनत का पैसा डूब गया है, देश की जनता को यह जानने का अधिकार है कि आखिर सरकारी बैंकों से अडानी को अनुपातहीन लोन किस के दबाव में दिया गया? षड्यंत्र उजागर होने के बाद भी एलआईसी का पैसा क्यों दबाव पूर्वक अडानी की कंपनी में लगवाया जा रहा है? एलआईसी और एसबीआई देश की जनता का भरोसा है, जिसे षडयंत्र पूर्वक व्यक्तिगत लाभ के लिए अपने पूंजीपत मित्र पर लुटाया जा रहा है। लाखों करोड़ के मनी लांड्रिंग, ब्लैकमनी, विदेशों में फर्जी सेल कंपनी बनाकर अडानी की कंपनी में लगाने के तथ्य उजागर हुए हैं। बाजार में निगरानी रखने की जिम्मेदारी “सेबी“ की होती है, लेकिन मोदी सरकार के दबाव में सेबी भी मौन है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला कहा कि बेहद दुखद और निंदनीय है कि केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा के तमाम नेता जनता के हित में खड़े होने के बजाय बेशर्मी से अडानी के बचाव में उतर आए हैं। सेबी, सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स सहित तमाम केंद्रीय एजेंसियां पूरे प्रकरण में गायब है। केंद्रीय सदन लोकसभा और राज्यसभा में इतने महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा के लिए तैयार नहीं है, मोदी सरकार, संयुक्त संसदीय कमेटी (जेपीसी) से जांच के कांग्रेस की मांग को भी अनदेखा करना यह साबित करता है कि इतने बड़े महाघोटाला, शेयरों की हेराफेरी और आर्थिक अपराध के षड्यंत्र में केवल अडाणी ही नहीं बल्कि मोदी भी भागीदार हैं।

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