मुख्य सचिव की अध्यक्षता में छ.ग.सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण 2023 और बेरोजगारी भत्ता के संबंध में कलेक्टरों और सीईओ की बैठक हुई आयोजित, जशपुर कलेक्टर डॉ मित्तल ने सभी अधिकारियों को समय पूर्व संपूर्ण तैयारी सुनिश्चित करने के दिए निर्देश

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मुख्यमंत्री के घोषणा अनुसार बेरोजगारी भत्ता योजना और सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण 1 अप्रैल से होगा शुरू

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

मुख्य सचिव अमिताभ जैन की अध्यक्षता में विगत दिवस चिप्स द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सभी कलेक्टरों और सीईओ की बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला, संचालक रोजगार एवं प्रशिक्षण श्री अवनीश कुमार शरण उपस्थित थे। बैठक में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने प्रदेश में 01 अप्रैल 2023 से प्रारंभ होने जा रहे सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए सभी जिला अधिकारियों को सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि प्रगणक की प्रगति रिपोर्ट कलेक्टर और सीईओ लेंगे। अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू ने कहा कि सुपरवाइजर, सर्वेक्षण की टीम में तकनीकी जानकारी रखने वाले शासकीय कर्मी को शामिल किया जाए। जिस भवन में ऑनलाइन ट्रेनिंग देंगे वहां इंटरनेट की कनेक्टिविटी सुदृढ़ होनी चाहिए। इस संबंध में एक तकनीकी रूप से ऐसा सक्षम एप्प तैयार किया गया है, जो डाउनलोड करने के बाद उस एप्प में ऑफलाइन मोड में एन्ट्री कर सकते हैं, जो इंटरनेट कनेक्टिविटी मिलते ही डाटा अपडेट कर देगा। सर्वे करते समय प्रगणक किसी भी मकान का फोटो खींचे तो उसमें मुखिया और मकान का नंबर स्पष्ट दिखना चाहिए। एक परिवार को एक प्रपत्र भरना होगा। प्रपत्र में आधारभूत जानकारी प्रविष्टि करनी है। एक टीम लगभग 400 घरों का सर्वे करेंगे। लगभग 750 के घरों के लिए दो टीम सर्वे का काम करेंगे। एक टीम में एक पुरूष शासकीय कर्मचारी और एक महिला मितानिन या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आदि शासकीय तौर पर कार्यरत महिलाएं हो सकती हैं। पुरूष शासकीय कर्मी की उपलब्धता नहीं होने की स्थिति में संविदा कर्मचारियों को टीम में रख सकते हैं। पुरूष प्रगणक कम से कम सहायक ग्रेड-3 स्तर का होना चाहिए। प्रगणक उसी गांव या शहर का होना चाहिए, नहीं होने की स्थिति में नजदीकी गांव या वार्ड का व्यक्ति होना चाहिए। एप्प में राशन कार्ड के डाटा, नया राशन कार्ड एन्ट्री, परिवारों के सदस्यों की सूची और उनका कौशल प्रशिक्षण, प्रशिक्षण के उपरांत उनका वर्तमान आय, भूमि, आयकर दाता, आवास, शौचालय, वाहन, घरेलू रसोई गैस, आधार की सहमति आदि की जानकारी होंगी। प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने कहा कि जिला और ब्लॉक स्तर पर प्रगणकों की भर्ती, ट्रेनिंग का स्थान, संख्या ड्यूटी आर्डर आदि कार्य करना है। अच्छे ट्रेनर से इस एप्प का वीडियो बनाकर इसको शेयर करके प्रशिक्षण दिया जा सकता है। 1 अप्रैल से सभी जिले और ब्लाक में कार्य शुरू हो जाना चाहिए। राज्य के किसी भी स्थान से शिकायत नहीं आनी चाहिए कि इस क्षेत्र में सर्वे टीम नहीं पहुंची है। इस अवसर पर आईएएस श्री गौरव सिंह ने मार्गदर्शिका के बारे में अवगत कराया।

इसी प्रकार बैठक में बेरोजगारी भत्ता के संबंध में प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने कहा कि बेरोजगारी भत्ता का वेब पोर्टल में सभी प्रतिभागी फार्म भरेंगे। यह फार्म छत्तीसगढ़ व्यापम और सीजीपीएससी के समान होगा। आवेदन किये जाने वाले वित्तीय वर्ष के 1 अप्रैल को आवेदक की आयु 18 से 35 वर्ष के मध्य हो। आवेदक मान्यता प्राप्त बोर्ड से न्यूनतम हायर सेकेंडरी (12वीं उत्तीर्ण) शैक्षणिक योग्यता धारी हो। जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र में पंजीकृत हो एवं आवेदन के वर्ष के 1 अप्रैल को हायर सेकेण्डरी अथवा उससे अधिक योग्यता में उसका रोजगार पंजीयन न्यूनतम दो वर्ष पुराना हो। आवेदक के आय का कोई स्त्रोत न हों एवं आवेदक के परिवार की समस्त स्रोतों से आय रुपये 2 लाख 50 हजार वार्षिक से अधिक न हो। ऑनलाइन फार्म का भौतिक सत्यापन रोजगार कार्यालय के सूचना अधिकारी, सीईओ जनपद और मुख्य नगरपालिका अधिकारी के माध्यम से किया जाएगा। पांच-छह गांवों या पांच-छह वार्डों के मध्य एक क्लस्टर या केन्द्र स्थापित किया जाएगा, जहां बेरोजगारी भत्ता का आवेदन करने वाले प्रतिभागी अपना भौतिक सत्यापन कराएंगे। ऐसे केन्द्र में बैठक व्यवस्थाएं पेयजल आदि की व्यवस्था होनी चाहिए। केन्द्रों में आवश्यकतानुसार पुलिस बल की व्यवस्था सुनिश्चित करने की बात कही। प्रत्येक व्यक्ति को स्वयं उपस्थित होकर भौतिक सत्यापन कराना अनिवार्य है। भौतिक सत्यापन में ऑनलाइन फार्म के सभी दस्तावेज आय प्रमाण पत्र, शैक्षणिक 10वीं-12वीं आदि के प्रमाण पत्र और छत्तीसगढ़ का मूल निवासी आदि प्रमाण पत्र होनी चाहिए। सत्यापन के बाद अनुशंसा की जाएगी। अनुशंसा के आधार पर स्वीकृति होगी, जिसका डाटा अपलोड किया जाएगा। प्रतिभागियों को बेरोजगारी भत्ता उनके खाते में राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) से दिया जाएगा। जिन प्रतिभागियों का बैंक खाता का सत्यापन उनको भत्ता दिया जाएगा और जिनका सत्यापन नहीं होगा, उनके मोबाइल में एक संदेश आएगा। अस्वीकृति के ऐसे मामलों का प्रतिभागी कलेक्टर को अपील कर सकते हैं। सभी दस्तावेजों का संधारण जनपद और नगर पंचायत या नगरपालिका कार्यालय में अनिवार्य रूप से सुरक्षित रखी जानी चाहिए। बैठक में जिला कार्यालय के एनआईसी कक्ष से कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री जितेन्द्र यादव, जिला रोजगार अधिकारी सुश्री दुर्गेश्वरी सिंह सहित अन्य अधिकारी शामिल थे। कलेक्टर डॉ रवि मित्तल ने दोनों योजनाओं के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के लिए समय पूर्व संपूर्ण तैयारी सुनिश्चित करने हेतु सभी अधिकारियों को निर्देशित किया। सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण 2023 के लिए विभिन्न विभागों से समन्वय कर प्रत्येक ग्राम पंचायत के लिए प्रगणक दल का गठन करने, प्रशिक्षण हेतु मास्टर ट्रेनर्स चयनित करने सहित संपूर्ण तैयारी समय पूर्व सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही बेरोजगारी भत्ता योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदकों को सभी सहूलियत देने हेतु सभी अधिकारियों को आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

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