राहुल गांधी अयोग्यता पर भाजपा की पत्रकारवार्ता : बोया पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से पाए ? – रमन सिंह

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

पत्रकार वार्ता को पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि साथियों जब सर्वोच्च न्यायालय ने जनप्रतिनिधि अधिनियमकी धारा 8(4) को असंवैधानिक करार दिया था, तब आप सभी को याद होगा किआपराधिक मामलों में दोषी सांसदों को लोकसभा से तत्काल अयोग्यता (Disqualification) के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री माननीय श्री मनमोहन सिंह जी जनप्रतिनिधि अधिनियम (Representation Of People Act) बिल लेकर आये थे ।

आपको 27 जुलाई 2013 का वो काला दिन भी याद होगा जब राहुल गाँधी ने देश के प्रधानमंत्री का अपमान करते हुए बीच प्रेस कांफ्रेंस में अध्यादेश की प्रति फाड़ दी थी, आज 10 सालों के बाद वह गलती ही राहुल गाँधी के मार्ग की बाधा बन गई है ।

राहुल गांधी ने अपने अहंकार में बार बार प्रधानमंत्री पद की गरिमा को तार-तार करने का काम किया हैं, चाहे वो श्री मनमोहन सिंह जी का अध्यादेश फाड़ना हो या माननीय मोदी जी की जाति पर टिप्पणी करना “यह Below the belt करने वाली राजनीति आदत बन चुकी है। राहुल • गाँधी की

“मोदी सरनेम” पर उन्होंने जो टिप्पणी की वो न केवल अमर्यादित बल्कि एक वर्ग विशेष को आहत करने वाली थी, इस मामले में सूरत जिला अदालत ने उन्हें दोषी करार देकर दो साल की सजा सुनाई और अयोग्यता पर कानून संविधान के अनुच्छेद 101 के आधार पर दोषी पाए गए सांसद की संसद सदस्यता की सीट स्वतः खाली हो जाती है।

आज लोकसभा में राहुल गाँधी की सदस्यता समाप्त होने के बाद कांग्रेस पार्टी अमर्यादित शब्दों का उपयोग करके पिछड़े वर्ग की भावनाओं को आहत करने वाले राहुल गाँधी का बचाव कर रही है।

जिस व्यक्ति के मन में लोकसभा के सत्ता पक्ष के नेता का सम्मान न हो और उनका अपमान करना आदत बन गयी हो, ऐसे व्यक्ति को संसद में रहने का कोई अधिकार नहीं है इसलिए उनकी सदस्यता समाप्त होने के साथ ही अन्य नेताओं के लिए भी यह सबक है।

इसके साथ ही जो नेता संवैधानिक पद पर बैठकर ऐसे अनर्गल बयानबाजी को अपना अधिकार समझ लेते हैं और समाज में गलत सन्देश देते हैं उन्हें भी इस निर्णय से सीख लेनी चाहिए।

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