राहुल गांधी ओबीसी एसटी एससी और आरक्षित वर्गों की हक की आवाज उठा रहे, अरुण साव और भाजपा को ओबीसी या किसी भी आरक्षित वर्ग की चिंता नहीं – काँग्रेस

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भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह ने ओबीसी वर्ग को छोटा आदमी कहा तब अरुण साव चुप क्यों थे ?

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष चुन्नी लाल साहू, प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश में ओबीसी, एसटी, एससी और आरक्षित वर्गो की आवाज उठा रहे। मोदी सरकार देश की सरकारी संस्थाओं का निजीकरण कर आरक्षित वर्ग को मिलने वाले आरक्षण के अधिकार से वंचित करने का षड्यंत्र रच रही है जिसे बचाने के लिए कांग्रेस के नेता राहुल गांधी लगातार सदन में और सड़क में आवाज उठा रहे हैं। अडानी ने जिस एलआईसी और एसबीआई के पैसों में घोटाला किया है उस एलआईसी में और एसबीआई में ओबीसी वर्ग, एससी, एसटी और देश के नागरिकों का पैसा जमा है। उसी को बचाने राहुल गांधी जी संसद में मोदी और अडानी के रिश्तो पर सवाल खड़ा किए हैं। भाजपा आरक्षण विरोधी है, यही वजह है कि वह आरक्षित वर्ग को मिलने वाले हक अधिकार को खत्म करने के लिए काम कर रही।

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार प्रदेश के आरक्षित वर्ग को 76 प्रतिशत आरक्षण का अधिकार देने के लिए जो विधायक पास कराये हैं उसे राजभवन में भाजपा के नेता रोक रहे हैं। अरुण साव, प्रदेश के ओबीसी वर्ग को बताना चाहिए कि 27 प्रतिशत आरक्षण ओबीसी वर्ग को मिलता जिसे भाजपा राजभवन के पीछे खड़े होकर रुकवाई है यह किस प्रकार से ओबीसी वर्ग का हित है? अरुण साव को, डॉ रमन सिंह के उस बयान की निंदा करना चाहिए जिसमें उन्होंने ओबीसी वर्ग के नेता भूपेश बघेल को छोटा आदमी कहा था और पूरा ओबीसी समाज का अपमान किया है? पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने भानुप्रतापपुर उपचुनाव में ओबीसी वर्ग के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तुलना कुत्ता, बिल्ली और चूहा से किया और तब अरुण साव को शर्म नहीं आई। रमन सिंह के इस बयान के समर्थन में खड़े थे, आखिर अरुण साव ओबीसी वर्ग की हित की बात करते हैं तो रमन सिंह के बयान की निंदा क्यों नही की?

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भाजपा ने 15 साल तक रमन सिंह को मुख्यमंत्री बनाया, ओबीसी वर्ग के नेताओं को मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया? उन्हें बड़ी जिम्मेदारी क्यों नहीं दी और आज अरुण साव ओबीसी वर्ग की आड़ लेकर नीरव मोदी, ललित मोदी, मेहुल चौकसी और गौत्तम अडानी की हेराफेरी पर पर्दा कर रहे हैं।

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि अरुण साहू को ओबीसी वर्ग की चिंता है तो उन्हें केंद्र सरकार पर जातिगत जनगणना कराने दबाव बनाना चाहिए और प्रदेश में ओबीसी समाज को दी गई 27 प्रतिशत आरक्षण जिसे राजभवन की आड़ में भाजपा ने रुकवाया है, राजभवन जाकर ओबीसी वर्ग की आवाज उठानी चाहिए और रमन सिंह जैसे नेताओं का विरोध करना चाहिए जो लगातार ओबीसी नेताओं के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी कर रहे हैं। देश की 60 से 70 प्रतिशत आबादी ओबीसी वर्ग से है लेकिन केंद्र की बजट में मोदी सरकार ने इस वर्ग के लिए कोई प्रावधान नहीं किया है और उल्टा इन वर्गों को मिलने वाली सुविधाओं को खत्म करने का षड्यंत्र भी रचा है। सरकारी संस्थाओं में जो ओबीसी वर्ग को आरक्षण मिलता था उस आरक्षण को खत्म करने के लिए मोदी सरकार सरकारी संस्थाओं का निजीकरण कर रही है।

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