साव की तरफदारी से साफ ईडी के छापे भाजपा की राजनैतिक साजिश – सुशील आनंद शुक्ला

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जैसे भाजपा युवा मोर्चा, महिला मोर्चा वैसे ही भाजपा ईडी, मोर्चा भाजपा आईटी मोर्चा

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

भाजपा अध्यक्ष अरूण साव द्वारा की जा रही ईडी की छापो की तरफदारी यह साबित करने के लिये पर्याप्त है कि छत्तीसगढ़ में हो रही ईडी की कार्यवाही भाजपा की राजनैतिक साजिश का एक हिस्सा है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस सरकार का सीधा राजनैतिक मुकाबला नहीं कर पा रही तो वह ईडी को आगे कर के अपने मंतव्य पूरा करना चाहती है। जैसे भाजपा का मोर्चा संगठन, भाजपा युवा मोर्चा है, भारतीय जनता महिला मोर्चा, किसान मोर्चा है वैसे ही ईडी भी अब भारतीय जनता ईडी मोर्चा, आईटी, भारतीय जनता आईटी मोर्चा, सीबीआई, भारतीय जनता सीबीआई मोर्चा बन चुकी है। यह बात छत्तीसगढ़ का एक-एक नागरिक देख रहा है कि कांग्रेस की राजनैतिक गतिविधियां रोकने भाजपा ईडी के साथ साजिश कर रही है। भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का राजनैतिक रूप से मुकाबला नहीं कर पा रही है तो वह केंद्रीय जांच एजेंसियों को दुरूपयोग कर कांग्रेस सरकार की छवि खराब करने का षड़यंत्र रच रही है। छत्तीसगढ़ में कानून का राज लेकिन भाजपा अपने षड़यंत्रों को अंजाम देने कानूनी एजेंसियों का दुरूपयोग कर रही।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष अरूण साव नान घोटाले, चिटफंड घोटाले, पनामा पेपर घोटाले की ईडी से जांच की मांग का समर्थन क्यों नहीं करते है? किस बात से डर रहे है? मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री को इन्फोर्समेंट डायरेक्टर को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ के नान घोटाला जिसमें गरीबों के राशन में 36,000 करोड़ का घोटाला हुआ, 6000 करोड़ के चिटफंड घोटाला की जांच के लिये अनुरोध किया। केंद्र सरकार नान और चिटफंड घोटाला की जांच ईडी से करवाने का साहस क्यों नहीं दिखा रही? क्यों इस घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का नाम है इसलिये भाजपा नान और चिटफंड घोटाले की जांच में घबरा रही है। जब काल्पनिक और कूटरचित मुद्दों के आधार पर ईडी कार्यवाही कर सकती है तब ठोस साक्ष्यों के आधार पर ईडी की जांच क्यों रोका जा रहा है?

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पिछले 8 साल में 3010 छापे ईडी में मारे है। 95 प्रतिशत छापे विपक्ष पर ईडी में मारे मीडिया जब मोदी सरकार के खिलाफ छापती है, तो ईडी छापा मारती है। 2014 से ईडी के जाल में विपक्ष के पार्टीवार लिस्ट पर गौर करें अब तक ईडी ने विपक्षी दलों के यहां इस प्रकार से छापेमारी की। कांग्रेस (24), टीएमसी (19), एनसीपी (11), शिवसेना (8), डीएमके (6), बीजद (6), राजद (5) बीएसपी (5), एसपी (5), टीडीपी (5), इनेलो (3), वाईएसआरसीपी (3), सीपीएम (2), एनसी (2), पीडीपी (2), इंडस्ट्रीज़ (2),  AIADMK  (1),  MNS (1), SBSP (1)। एक भी भाजपा नेता के यहां छापेमारी क्यों नहीं की गई? भाजपा अध्यक्ष दावा कर रहे कि ईडी द्वारा जब्त किये गये रकम में 5 प्रतिशत भी राजनैतिक लोगों का नहीं लेकिन ईडी द्वारा मारे गये 95 प्रतिशत छापे राजनैतिक है इसका मतलब साफ है ईडी के छापे राजनैतिक बदला निकालने के लिये है।

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