रायपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भेंट मुलाकात कार्यक्रम से ठीक पहले  पार्षदों को पुलिस चौकी में बिठाए जाने को लेकर भाजपा द्वारा विरोध दर्ज कराया गया

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पार्षदों की जबरन गिरफ्तारी का विरोध मुख्यमंत्री की नौटंकी से कोई मतलब नही : राजेश मूणत

जनता की आवाज सुननी ही नही है तो भेंट मुलाकात का स्वांग क्यो:- जयंती पटेल

पार्षदों की बलपूर्वक गिरफ्तारी भुपेश बघेल का डर उजागर करती है भेंट मुलाकात ढोंग है :- मीनल चौबे

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

पूर्व मंत्री राजेश मूणत की अगुवाई में कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पुलिस द्वारा पार्षद भोलाराम साहू और दीपक जायसवाल को  रामनगर चौकी में बिठाने पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई भेंट मुलाकात कार्यक्रम स्थल के पास पहुँचे कार्यकर्ताओ ने जमकर नारेबाजी की और भेंट मुलाक़ात को नौटंकी बताया इस दौरान महिला पार्षद कामिनी देवांगन बेहोश भी हो गई ।

पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने कहा कि रायपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का भेंट मुलाकात कार्यक्रम पूर्व नियोजित था। शासन प्रशासन पिछले 4 दिनों से इसकी तैयारी में जुटा हुआ था।

भारतीय जनता पार्टी को इस आयोजन से कोई लेना देना ही नही था,किंतु अचानक बिना किसी कारण पश्चिम विधानसभा के 2 भाजपा पार्षद भोलाराम साहू जिनके वार्ड में मुख्यमंत्री का भेंट मुलाकात कार्यक्रम हुआ और पार्षद दीपक जयसवाल को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया, जो कि अलोकतांत्रिक है

निर्वचित जनप्रतिनिधि पार्षद दीपक जयसवाल को पुलिस ने पेट्रोलिंग गाड़ी में 2 घण्टे जबरन घुमाया गया औऱ पार्षद भोला साहू को गिरफ्तार कर राम नगर चौकी में बैठा दिया गया,जिसकी जितनी निंदा की जाय कम है।

पार्टी के नेताओं ने बताया कि भाजपा पार्षदों पुलिस की बेवजह कार्रवाई की सूचना भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को मिली। जिसके बाद शहर जिला भाजपा और पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ता हरकत में आ गए।

विरोधस्वरूप मुख्यमंत्री के भेंट मुलाकात कार्यक्रम स्थल पर  कार्यकर्ताओ का हुजूम इकट्ठा होने लगा।

पूर्व मंत्री और रायपुर पश्चिम के पूर्व विधायक राजेश मूणत ने मोर्चा संभाला की और पार्षदों की गिरफ्तारी को अलोकतांत्रिक करार दिया।

मूणत ने  कहा कि  भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं और चुने हुए जनप्रतिनिधियो को पुलिस द्वारा जबरन उठाने प्रक्रिया अपनाई गई है। मुख्यमंत्री का भेंट मुलाकात कार्यक्रम के संदर्भ में हम कोई विरोध नही कर रहे थे और ना ही विरोध की कोई योजना थी, किंतु  हम मुख्यमंत्री से पूछना चाहते है कि आपने विगत साढ़े चार वर्ष में यदि कोई काम किया है, तो जनता के सामने रखिए जनता सब जानती है। भेंट मुलाकात का मतलब से जनता की समस्या सुनना है,लेकिन  यहां उल्टा तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि जनप्रतिनिधियों स्थानीय पार्षदों के माध्यम से जन समस्याओं को सुनने के स्थान और  गिरफ्तार कर लिया गया। पार्षद चुना हुआ जनप्रतिनिधि , वार्ड क्षेत्र का नेतृत्व कर्ता होता है।  अपने क्षेत्र की जनता की मूल समस्यायों को मुख्यमंत्री के सामने रखना उसका लोकतांत्रिक अधिकार है, मगर भुपेश बघेल और कांग्रेस तो जैसे लोकतंत्र को तिलांजलि देकर सरकार चला रहे हैं।

मूणत ने कहा कि  भेंट मुलाकात के नाम पर केवल कोरी नौटंकी की जा रही है, जिसकी तीन दिन तक रिहर्सल की जाती है।  कौन सवाल करेगा ? क्या सवाल करेगा ? यह भी पूर्व नियोजित होता है , लेकिन गाहे बगाहे जब कोई इस रिहर्सल के बाहर का व्यक्ति आकर असल समस्यायों से संबंधित कोई सवाल पूछता है, तो मुख्यमंत्री और कांग्रेसियों को नागवारा होता है।

पहले भी भेंट मुलाकात में माइक छीनने , लड़की चुप बैठ नेतागिरी मत कर जैसे बहुत से वीडियो सोशल मीडिया के माध्यम से पहले भी हमने देखा है, अब मुख्यमंत्री डरे हुए है कि कहीं कोई जन समस्याओ से जुड़े असल मुद्दे ना उठा दे। जनता से जुड़े सवाल ना पूछ लें और शायद इसी डर की वजह से लोकतांत्रिक देश मे लोकतंत्र को दर किनार करके तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा है ।

जिला अध्यक्ष जयंती पटेल भी कार्यक्रम स्थल पहुँचे थे उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का भेंट मुलकात प्रदेश की जनता की आवाज सुनने के लिए है या कांग्रेसीयो की आवाज सुनने के लिए शासन के आदेश पर पार्षदों की जबरन गिरफ्तारी से तो ऐसा ही प्रतीत होता है कि मुख्यमंत्री भेंट मुलाकात एक स्वांग मात्र है और पूरा आयोजन स्क्रिप्टेड है जिसमे केवल काँग्रेस कार्यकर्ता रूपी कलाकारों को अभिनय की अनुमती है जनता या जनप्रतिनिधि केवल दर्शक मात्र है  उन्हें तो प्रतिक्रिया तक देने की अनुमति नही ।

निगम नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे काफी रुष्ठ नजर आई उन्होंने कहा कि पहली बार देखने को मिल रहा है कि निमंत्रण देकर नजरबंद किया जाता है प्रतिबंधित भी किया जाता है निमंत्रण होने के बावजूद मुझे और मेरे साथी पार्षदों को केवल इसलिए रोका गया कि हम मुख्य विपक्षी दल के कार्यकर्ता हैं और जनता की मूल समस्यायों को सार्वजनिक मंच से मुख्यमंत्री के समक्ष रखेंगे और ऐसा करने से इस निकम्मी सरकार की कलई जनता के सामने खुल जाएगी साथी पार्षदों की बलपूर्वक गिरफ्तारी बताती है कि भुपेश बघेल बुरी तरह डरें हुए हैं और भेंट मुलाकात कार्यक्रम काँग्रेस का ढोंग मात्र है ।

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