भाजपा की पत्रकारवार्ता : आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय भाजपा कार्यकर्ताओं के संघर्ष की जीत – विष्णुदेव साय

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

जशपुर : आरक्षण के मामले में कांग्रेस दोहरा चरित्र वाली भूमिका निभा रही है। एक ओर एसटी,एससी और पिछड़ा वर्ग को 58 प्रतिशत आरक्षण देने का ढोंग करती है और पिछले दरवाजे से अपने खास लोगों से न्यायालय में इसके विरुद्ध याचिका दायर करा कर अवरोध लगाती है। कांग्रेस की यह चाल अब जनता के बीच उजागर हो चुकी है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य विष्णुदेव साय ने उक्त बातें कही। वे मंगलवार को जिला भाजपा कार्यालय राधाकांत भवन में आयोजित पत्रकारवार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होनें कहा कि कांग्रेस ने आरक्षण के मामले में न्यायालय में याचिका दायर करने वालों को पुरस्कृत कर रही है। उन्होनें दावा किया कि हाई कोर्ट में याचिका दायर करने वाले केपी खांडे को कांग्रेस ने आयोग का अध्यक्ष और करूणा शुक्ला को कबीर शोधी पीठ का अध्यक्ष नियुक्त कर पुरस्कृत किया है।

पत्रकारवार्ता में उपस्थित सांसद गोमती साय ने कहा कि कांग्रेस का दोहरा चरित्र अब सबके सामने आ चुका है। आरक्षण के मामले में पिछले दरवाजे से रोड़ा अटका कर बेरोजगारों से छल किया है। उन्होनें कहा कि भाजपा के 15 साल के शासन काल में कभी इस तरह की अप्रिय स्थिति निर्मित नहीं हुई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल चाहते तो यह मामला हाईकोर्ट में ही निबट सकता था। लेकिन मामले को लटकाएं रखने के लिए उन्होनें जानबूझ कर अच्छे वकील को शासन का पक्ष रखने के लिए खड़ा नहीं किया। इससे यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में चला गया। भाजपा नेताओं ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि  सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद तत्काल सरकारी नौकरियों की रिक्तियां जारी करे। जिससे शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार का अवसर मिल सके।

पत्रकारवार्ता में पूर्व सांसद रणविजय सिंह जूदेव, जिला भाजपा अध्यक्ष सुनिल गुप्ता, गोविंद राम, पूर्व विधायक रोहित साय, मीडिया प्रभारी फैज़ान खान उपस्थित थे। भाजपा छोड़ कर कांग्रेस का दामन थामने वाले नंदकुमार साय के मामले में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए विष्णुदेव साय ने कहा कि नंदकुमार साय पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे हैं। हम सब उनका सम्मान करते हैं। उन्होनें कहा कि वे अपने छात्र जीवन से उन्हें राजनीति करते हुए देख रहे हैं। उनके साथ भाजपा में काम करने का एक लंबा अनुभव रहा है। भाजपा ने उन्हें 47 साल तक विधायक, लोकसभा, राज्यसभा, नेता प्रतिपक्ष, प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष के पद पर कार्य करनें का अवसर दिया था, इसके बाद भी जितना आश्चर्यजनक नंदकुमार साय का पार्टी छोड़ना है, उससे भी अधिक दुखद उनका कांग्रेस प्रवेश करने का निर्णय है। विष्णुदेव साय ने कहा कि नंदकुमार साय ने उस पार्टी में प्रवेश किया है जिसके विरुद्ध वे आजीवन लड़ते रहे। उन्होनें कहा कि नंदकुमार साय जब भी पार्टी में वापस आना चाहे पार्टी का दरवाजा उनके लिए हमेशा खुला हुआ है।

कोर कमेटी एवं अनुसूचित जनजाति मोर्चा की बैठक –

जिला भाजपा कार्यालय में पत्रकारवार्ता से पहले अनुसूचित जनजाति मोर्चा और कोर कमेटी की बैठक संपन्न हुई। अनुसूचित जनजाति मोर्चा की बैठक में आने वाले दिनों में पार्टी की भावी रणनीति और प्रदेश सरकार के खिलाफ किये जाने वाले आंदोलन पर विस्तार से चर्चा की गई। इस बैठक में पूर्व मंत्री महेश गांगड़ा, प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, लोकसभा सांसद गोमती साय, पूर्व सांसद रणविजय सिंह जूदेव, पूर्व प्रदेश महामंत्री कृष्ण कुमार राय, जिला भाजपा अध्यक्ष सुनिल गुप्ता, सरगुजा संभाग के सह प्रभारी भरत सिंह सिसोदिया, प्रदेश कार्य समिति सदस्य नरेश नंदे, विधानसभा प्रभारी रमन अग्रवाल, जिला महामंत्री मुकेश शर्मा, भरत सिंह, कोषाध्यक्ष रामगर्ग, डीडीसी उपेन्द्र यादव, यशप्रताप सिंह जूदेव, संतोष सिंह, शारदा प्रधान, राजकपूर भगत, लालदेव भगत, ललित नागेश, कृपा भगत, विनोद निकुंज, अरविंद भगत, सज्जु खान, टुन्नू सोनी, अभिषेक मिश्रा, संतन भगत, नीतू गुप्ता, प्रतिमा भगत,उपस्थित थे। बैठक में चर्चा करते हुए पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने कहा कि विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए पार्टी को सड़क में उतर कर संघर्ष करना होगा।

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