मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बस्तर से महत्वाकांक्षी चिराग परियोजना का शुभारंभ किया

November 24, 2021 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

•       आज जिस परियोजना का यहां शुभारंभ किया जा रहा है, वह बस्तर के लोगों के जीवन में बदलाव लाने वाली अब तक की सबसे बड़ी परियोजना होगी।  

•       “चिराग परियोजना”, छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्रों में विकास की नयी रौशनी फैलाएगी। यह लंबे समय तक चलने वाले परियोजना है।

•       चिराग का फुलफार्म है – Chhattisgarh Inclusive Rural and Accelerated Agriculture Growth (CHIRAAG)

•       इस योजना का उद्देश्य किसानों की आमदनी के अवसरों को बढ़ाना, गांवों में पौष्टिक भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करना, क्षेत्र की जलवायु पर आधारित पोषण-उत्पादन प्रणाली विकसित करना, प्राकृतिक संसाधनों के बेहतर प्रबंधन के कार्यप्रणाली का विकास करना है। इस परियोजना के माध्यम से कृषि क्षेत्र में विकास के नये और विकसित तौर-तरीकों को बढ़ावा दिया जाएगा।

•       “चिराग परियोजना”  आदिवासियों के लिए नये अवसर और नयी आशाएं लाने वाली परियोजना है। आधुनिक खेती और नवाचारों से जुड़कर वे नये जीवन में प्रवेश करेंगे।

•       आदिवासी इलाकों के स्थानीय युवाओं को भी बहुत लाभ होगा। उन्हें मछली पालन, पशु-पालन, उद्यानिकी,  विशेष प्रजातियों की फसलों के उत्पादन,  क्षेत्रीय जलवायु आधारित पौष्टिक खाद्य पदार्थों के उत्पादन के कामों से जोड़ा जाएगा।

•       युवाओं को सेल्स और मार्केटिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्हें अत्याधुनिक कृषि तकनीकों की शिक्षा दी जाएगी।  उन्हें स्टार्टअप के लिए भी प्रशिक्षित और प्रोत्साहित किया जाएगा।

•       इस परियोजना के लागू होने से आदिवासी समाज के युवा आत्मनिर्भर और स्वालंबी बनेंगे। ग्रामीण उद्यमी बन जाएंगे।

•       इस परियोजना के लिए वर्ल्ड बैंक और संयुक्त राष्ट्र संघ की कृषि विकास हेतु स्थापित संस्था आईएफएडी, ने वित्तीय सहायता दी है।

 •      विश्व बैंक द्वारा 730 करोड़ रुपए, आईएफडी द्वारा द्वारा 486.69 करोड़ रुपए की सहायता इस परियोजना के लिए दी गई है।

•       इस परियोजना की कुल राशि में 30% राशि, 518.68 करोड़ रुपये अपने राजकीय कोष से उपलब्ध कराए गए हैं। 

•       चिराग परियोजना को बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, सुकमा, मुंगेली, बलौदाबाजार, बलरामपुर, जशपुर, कोरिया, सूरजपुर और सरगुजा जिलों के आदिवासी विकासखंडों में लागू किया जाएगा।

•       इस नयी परियोजना से बस्तर संभाग और पूरे छत्तीसगढ़ के आदिवासियों और वनाश्रितों में एक और नयी सुबह हो रही है।