पांचवी अनुसूची क्षेत्रों में स्थानीय लोगों को भर्ती में प्राथमिकता का अधिकार वापस दिलाए भूपेश : सत्ता-सुख में बस्तर-सरगुजा के आदिवासियों का अधिकार भूल गए हैं कवासी लखमा और अमरजीत भगत – विकास मरकाम

पांचवी अनुसूची क्षेत्रों में स्थानीय लोगों को भर्ती में प्राथमिकता का अधिकार वापस दिलाए भूपेश : सत्ता-सुख में बस्तर-सरगुजा के आदिवासियों का अधिकार भूल गए हैं कवासी लखमा और अमरजीत भगत – विकास मरकाम

May 4, 2023 Off By Samdarshi News

पांचवी अनुसूची क्षेत्रों में 100% स्थानीय भर्ती के अधिकार को शीघ्रतापूर्वक वापस किया जाए

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर

रायपुर : भाजपा अजजा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पूछा है कि बस्तर, सरगुजा और बिलासपुर संभाग के स्थानीय लोगों को भाजपा सरकार की भांति भर्ती में प्राथमिकता का अधिकार कब मिलेगा ?

विकास मरकाम ने कहा कि भूपेश सरकार की नाकामी के चलते आदिवासियों का 32% आरक्षण अधर में लटक गया था और स्थानीय भर्ती पूरी तरह बंद हो चुकी थी। भाजपा सरकार में सरगुजा, बस्तर और बिलासपुर संभाग के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की शासकीय भर्तियों में स्थानीय निवासियों को प्राथमिकता का अधिकार दिया था, जिसे भूपेश बघेल  की इस सरकार ने 2022 से छीन लिया है। मैं भूपेश बघेल सरकार से कहना चाहता हूं पांचवी अनुसूची क्षेत्रों में 100% स्थानीय भर्ती के अधिकार को शीघ्रतापूर्वक वापस किया जाए। पांचवी अनुसूची वाले क्षेत्रों के आदिवासी युवाओं को उनका अधिकार, उनका रोजगार शीघ्र ही प्रदान किया जाए।

भाजपा अजजा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम

विकास मरकाम ने कहा कि भूपेश सरकार की कई आदिवासी विरोधी नीतियों के चलते वनांचल के युवा मुख्यधारा से विमुख हो रहे हैं। ऐसे में तत्काल और त्वरित रूप से इन क्षेत्रों में भर्तियों और नियुक्तियों की आवश्यकता है। पूरे प्रदेश में भूपेश कार्यकाल में बेरोजगारी लगभग 25% के दर से बढ़ी है। लेकिन छत्तीसगढ़ के पांचवी अनुसूची क्षेत्रों में बेरोजगारी का दर और अधिक भयावह रूप से बढ़ा है। बड़ी-बड़ी बात करने वाले सरगुजा और बस्तर संभाग के तीरंदाज मंत्री द्वय कवासी लखमा और अमरजीत भगत सत्ता सुख में बस्तर-सरगुजा के आदिवासियों का अधिकार भूल गए हैं।

बेरोजगारी प्रदेश की सबसे बड़ी समस्या है, इससे प्रदेश का हर युवा ग्रसित है। कई भर्तियां भूपेश सरकार की अनिच्छा के चलते 2018 से लंबित है, जबकि आदिवासी अंचलों में भर्तियां न के बराबर हुई है। विकास मरकाम ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा यदि बस्तर, सरगुजा और बिलासपुर के पांचवी अनुसूची क्षेत्रों की शासकीय भर्तियों में स्थानीय निवासियों को प्राथमिकता का अधिकार वापस नहीं दिया गया तो अजजा मोर्चा द्वारा शीघ्र ही बड़ा विरोध प्रदर्शन किया जायेगा।