भाजपा बताएं देश के गद्दार प्रदीप कुरूलकर का RSS, संस्कार भारती और रमन सिंह से क्या संबंध है? – सुरेंद्र वर्मा

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ध्रुव सक्सेना, यशवंत, देवेंदर से लेकर प्रदीप कुरुलकर तक आतंकियों के सहयोगी और पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों का RSS भाजपा कनेक्शन लगातार उजागर

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

दुश्मन देश पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में पकड़े गए डीआरडीओ के वैज्ञानिक प्रदीप कुरूलकर कथित तौर पर चार पीढ़ियों से आरएसएस से संबद्ध रहे हैं। 14 साल तक संस्कार भारती के संगठन मंत्री रहे। सीधे तौर पर प्रधानमंत्री कार्यालय के नीचे काम करने वाले डीआरडीओ के वैज्ञानिक, प्रदीप कुरुलकर पाकिस्तानी एजेंट को गुप्त, संवेदनशील सूचना देता था, लगातार खुफिया जानकारी उन्होंने दुश्मन देश को मुहैया कराई। चर्चा तो यह भी है कि आर एस एस के संगठन संस्कार भारती के साथ ही प्रदीप कुरूलकर के संबंध रमन सिंह से भी हैं। ख़बर है कि रमन सिंह के बुलावे पर प्रदीप कुरूलकर छत्तीसगढ़ भी आए थे। आतंकवाद रोधी दस्ते ने अदालत को सूचित किया है कि जांच के दौरान कई तथ्य सामने आए हैं और एटीएस को फॉरेंसिक लैब से एक रिपोर्ट मिली है जिसमें देश की सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण डाटा को विदेशी नागरिक के साथ साझा किया है। ऐसी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को संचालित करने वाले आरोपियों का आरएसएस से संलिप्तता देश के हित में के लिए हानिकारक है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि आतंकी घटनाओं में संलिप्तता, साजिश व विभाजनकारी एजेंडे वाले विचारको का कालिख भरा इतिहास आर एस एस का रहा है। पूर्व में पकड़े गए पाक समर्थित खुफिया एजेंट ध्रुव सक्सेना मध्य प्रदेश भाजपा आईटी सेल के प्रमुख थे। नांदेड़ में आरएसएस के प्रचारक रहे यशवंत सिंह ने हलफनामा देकर कहा था कि उसे आरएसएस ने बम बनाने की ट्रेनिंग दी थी। मालेगांव बम ब्लास्ट और आतंकवादी गतिविधियों की आरोपी वर्तमान में भाजपा के सांसद है। ग्राहमस्टैन और उनके बेटों को जिंदा जलाने के षड्यंत्र के आरोपी पूर्व में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री बनाए गए थे, वर्तमान में उड़िसा से सांसद है। आजादी की लड़ाई के दौरान इनके पूर्वज अंग्रेजों के साथ खड़े थे, गांधी जी की हत्या के जांच के संदर्भ में जस्टिस जीवनलाल कपूर की अध्यक्षता में गठित न्यायिक आयोग के फाइनल कमेंट में सावरकर और आरएसएस को गांधी जी की हत्या के मुख्य षड्यंत्रकारी माना है, अब ये संघी गांधीवादी होने का ढोंग करते हैं। यह भी तथ्य है कि गांधी जी की हत्या करने से पहले गोडसे रायपुर आए थे और आर एस एस के नेताओं से उनकी लंबी बैठक हुई, उसी तरह ख़बर है कि प्रदीप कुरुलकर भी छत्तीसगढ़ आकर रमन सिंह से मिले थे, एटीएस उसकी भी करें। आतंकियों के सहयोगी भी देशद्रोही है।

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