कीर्ति चक्र से सम्मानित शहीद नारायण सोढ़ी की पत्नी ने कहा, मेरे पति ने देश में अमन चैन के लिए दी अपनी शहादत

कीर्ति चक्र से सम्मानित शहीद नारायण सोढ़ी की पत्नी ने कहा, मेरे पति ने देश में अमन चैन के लिए दी अपनी शहादत

May 12, 2023 Off By Samdarshi News

शहीद नारायण सोढ़ी को 9 मई को राष्ट्रपति ने कीर्ति चक्र से सम्मानित किया

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

सुशीला सोढ़ी के लिए 9 मई का दिन बहुत भावुक क्षण था, जब  राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने उनके पति शहीद नारायण सोढ़ी को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया। कृतज्ञ राष्ट्र ने उनके पति की असाधारण वीरता का सम्मान किया था। सुशीला ने बताया कि उनके लिए राष्ट्रपति के हाथों यह सम्मान ग्रहण करना बहुत गौरवपूर्ण क्षण था।

शहीद जवान की पत्नी सुशीला ने स्मृतियों को साझा करते हुए बताया कि मेरे पति ने अपने देश के लिए शहादत दी। उन्होंने देश में अमन चैन के लिए अपनी शहादत दी। मेरे पति का जन्म बीजापुर जिले के उसूर विकासखंड के पुन्नूर में हुआ था। उन्होंने नक्सल हिंसा को निकट से देखा था। सलवा जुडूम आंदोलन के समय अपने गाँव से दूर होने का दुख उन्होंने झेला था। वे एसपीओ के रूप में भर्ती हुए और माओवाद के खिलाफ जंग शुरू की। 2010 में वे जिला बल में तैनात हुए। सन् 2006 में सलवा जुडूम आंदोलन के दौरान उन्हें परिवार समेत मूल गांव छोड़ना पड़ा था। बीजापुर जिले के टेकलगुडेम में हुए नक्सल ऑपरेशन के दौरान वे वीरगति को प्राप्त हुए थे।

सुशीला ने बताया कि जिला बल में तैनात रहते हुए उन्होंने हमेशा चौकस रहकर कार्य किया। वे जब भी घर आते तो बताते कि किस तरह से नक्सल उन्मूलन की कठिन लड़ाई कर रहे हैं। हम सबको उनके साहस को देखकर बहुत अच्छा लगता। वो बताते कि कई बार रात-रात भर जंगलों में उन्हें सुरक्षा बलों के साथ मोर्चे पर जाना होता। इतने कठिन जीवन के बावजूद उनके चेहरे पर हमेशा संतोष रहता था कि वे अपने क्षेत्र की सुरक्षा के लिए यह कार्य कर रहे हैं। वे हमेशा कहते कि जब हम साहस करते हैं तभी हम बिना डर के जीवन जी सकते हैं।

सुशीला ने बताया कि उनके पति ने देश के लिए असाधारण त्याग किया है और देश ने उन्हें इसके लिए सम्मानित भी किया है। हमारा पूरा परिवार इस सम्मान में हिस्सेदारी महसूस करता है और राष्ट्र के प्रति कृतज्ञता महसूस करता है। उन्होंने कहा कि मेरी तीनों बेटियां और बेटा सभी आज गौरवान्वित हैं। यह सम्मान पूरे बस्तर का सम्मान है। छत्तीसगढ़ का सम्मान है।