जांच एजेंसियों को भस्मासुर बोलने वाले मुख्यमंत्री स्वयं के बारे में सोचें क्या वह जनता से शक्ति प्राप्त कर जनता को ही भस्म करने में नहीं लगे हैं: अरुण साव

जांच एजेंसियों को भस्मासुर बोलने वाले मुख्यमंत्री स्वयं के बारे में सोचें क्या वह जनता से शक्ति प्राप्त कर जनता को ही भस्म करने में नहीं लगे हैं: अरुण साव

May 13, 2023 Off By Samdarshi News

मुझ पर तरस खाने वाले मुख्यमंत्री जनता पर कब तरस खाएंगे : अरुण साव

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के उन पर (श्री साव पर) तरस खाने वाले बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सवाल किया है कि मुख्यमंत्री बघेल को उन पर (श्री साव पर) तरस तो आ रहा है लेकिन प्रदेश की जनता, जो कांग्रेस के कुशासन से पीड़ित है, पर वे कब तरस खाएंगे?

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साव ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल ने तो छत्तीसगढ़ का  पूरा खजाना ही लूट लिया है, जनता के लिए कुछ भी नहीं छोड़ा है। प्रदेश की जनता उत्पीड़ित-पीड़ित, आश्चर्यचकित-आक्रोशित और प्रताड़ित-परेशान है। कांग्रेस के शासनकाल में छत्तीसगढ़ में पहले कोयला घोटाला और उसके बाद चावल, शराब, यूनिपोल, डीएमएफ, स्मार्ट सिटी, पोस्टर, तबादला, गोबर, गौठान, आयरन आदि घोटालों का सिलसिला ही सामने आया है। श्री साव ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल ने प्रदेश की जनता को लुटने का काम किया है। अपने कार्यकाल में मुख्यमंत्री बघेल घोटालों पर घोटाले करते रहे और जनता पाई-पाई को मोहताज होती गई, अपना हक पाने तरसती रही  श्री साव ने कहा, जनता पर तरस खाकर मुख्यमंत्री बघेल छत्तीसगढ़ का खजाना लूटना बंद करें और जो लूटा है वह प्रदेश की जनता को वापस लौटाएँ।’

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साव ने कहा कि मुख्यमंत्री ईडी को भाजपा का भस्मासुर बताने का बचकाना प्रयास कर रहे है। लेकिन, मुख्यमंत्री बघेल को पौराणिक पात्रों का उल्लेख करने से पहले उन पात्रों के बारे में जानकारी भी जुटा लेना चाहिए था। भस्मासुर वह पात्र है जिसने भगवान शंकर से वरदान में शक्ति पाई और अंततः भस्मासुर भगवान शिव को ही भस्म करने का प्रयास करने लगा। श्री साव ने कहा कि ठीक उसी तरह मुख्यमंत्री बघेल के बहकावे में आकर जनता जनार्दन ने मुख्यमंत्री बघेल को सत्ता की ताकत सौंप दी और तबसे छत्तीसगढ़ की जनता को तबाह करने और प्रदेश को लूटने में मुख्यमंत्री बघेल भस्मासुर की तरह ही जुटे हुए हैं।