परहित उपदेश कुशल बहुतेरे राजेश मूणत अपने गिरेबांन में झांके, राजेश मूणत की अभ्रद भाषा को पूरे प्रदेश ने देखा है – धनंजय सिंह ठाकुर
May 24, 2023मोदी सरकार यदि आरबीआई की बात मानती तो नोटबंदी ही नहीं होता 2000 के नोट भी नही छापे जाते
समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर
भाजपा प्रवक्ता एवं पूर्व मंत्री राजेश मूणत के बयान पर पलटवार करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा प्रवक्ता राजेश मूणत पहले खुद की भाषा शैली को सुधारें फिर ज्ञान बाटे। राजेश मूणत की भाषा शैली से पूरा प्रदेश परिचित है। भाजपा के कार्यकर्ताओं से लेकर कांग्रेस के नेता और पुलिस के अधिकारी कर्मचारियों के लिये कई बार राजेश मूणत ने अशिष्ट भाषा का प्रयोग किया है। असंसदीय भाषाओं का प्रयोग किया है जिसके चलते पूरे प्रदेश में राजेश मूणत की थु थु हुई है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि सोशल मीडिया में राजेश मूणत के अनेक वीडियो है जिसमें वो भाजपा कार्यकर्ताओं को गाली देते हुए किसी में पुलिस के अधिकारी कर्मचारियों से अभद्रता करते हुए किसी में कांग्रेस नेताओं के खिलाफ अशोभनीय ने टिप्पणी करते हुए देखे और सुने जा सकते हैं तो पहले राजेश मूणत खुद के व्यवहार और संस्कार को ठीक करें फिर सलाह दें ।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि नोटबंदी के दौरान 1000 के नोट को बंद कर उसके स्थान पर 2000 रु. नोट छापना ही मूर्खतापूर्ण निर्णय था और आज मोदी सरकार को खुद के छापे हुए नोट पर भरोसा नहीं है। मोदी सरकार नोटबंदी के उद्देश्यों को पूर्ति करने में असफल हुई है। 9 साल में भ्रष्टाचार बढ़े हैं और भ्रष्टाचारियों को भाजपा का शह है। भ्रष्टाचारियों के काला धन को सफेद करने के उद्देश्य से ही नोटबंदी लाया गया था उस दौरान आम जनता लाइन में खड़ी हुई थी और काला धन वालों के लिए मोदी सरकार ने 45 प्रतिशत का स्कीम लाकर उनको काला धन को सफेद करने का मौका दिया। आज एक बार फिर 2000 के नोटों को बंद करके अदला बदली करके काला धन वाले को 500 रु. के छोटे नोटों को जमा करने का अवसर दे रहे हैं। मोदी सरकार के पास ना तो नीति है ना तो नियत है इसी को कहा जाता है थूक कर चटाना।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार अपनी नाकामी को छिपाने के लिए आरबीआई के पीछे खड़े होकर 2000 रु. के नोटों को बदली करा रही है नोटबंदी के दौरान ही आरबीआई ने इस विषय में जानकारी नहीं होने की बात कही थी और आरबीआई भी नोट बंदी के खिलाफ थी आज 2000 रु. के नोट बंद करने के पीछे भी मोदी सरकार का निर्णय है आरबीआई तो बस मोहरा है क्योंकि आरबीआई से जब मोदी सरकार ने रिजर्व फंड से जमा राशि को मांगा था तब आरबीआई ने आपत्ति किया था उस दौरान भी मोदी सरकार जोर-जबर्दस्ती आरबीआई के रिजर्व फंड के लगभग पौने 2 लाख करोड़ से अधिक की राशि ली गई।