मोदी सरकार और पेट्रोलियम कंपनियां संगठित होकर पेट्रोल-डीजल में जनता को लूट रही है, महंगाई मोदी निर्मित आपदा देश का हर घर प्रभावित – मोहन मरकाम

Advertisements
Advertisements

कच्चे तेल का भाव 139 डॉलर से घटकर 76 डॉलर पर फिर क्यो नही हो रहा है देश में पेट्रोल डीजल के दाम कम

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी सरकार और पेट्रोलियम कंपनियां संगठित होकर देश की गरीब जनता को पेट्रोल डीजल में लूट रही है देश में महंगाई मोदी निर्मित आपदा है जिससे हर वर्ग हर घर प्रभावित है। कच्चे तेल का भाव अंतरराष्ट्रीय बाजार में 139 डॉलर से घटकर 76 डॉलर में आ गया है इसके बावजूद देश में पेट्रोल डीजल के दामों में कोई कमी नही करना, मोदी सरकार की मुनाफाखोरी की नीत मूल कारण है। मोदी सरकार लूटो और लूटने दो की पॉलिसी पर काम कर रही है। मोदी सरकार जनता को राहत देने के बजाय पेट्रोल कंपनी को फायदा पहुंचाने का काम कर रही है। केन्द्र सरकार की नैतिकता बनती है जब क्रूड आयल के दाम अंतराष्ट्रीय बाजार में कम हुये है और ऐसे में पेट्रोलियम पदार्थो के दाम भी भारत में भी कम होने चाहिये। मोदी सरकार द्वारा पेट्रोल डीजल के दाम में बेतहासा एक्साइज ड्यूटी की वसूली की जा रही है केन्द्र सरकार के द्वारा, मुनाफाखोरी की जा रही है जो रसोई गैस के दाम में बढ़ोतरी की गयी है उसे तत्काल वापस लेना चाहिये।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि यू.पी.ए के प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के समय पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी रू. 9.48 तथा डीजल पर रू. 3.56 था जो मोदी राज में बढ़कर पेट्रोल एवं डीजल पर 33 रू. हो गयी है। 5 व 10 रू. की मामूली कटौती करने के बाद भी आज मोदी सरकार पेट्रोल पर 27.90 रू और डीजल पर 21.80 रू. एक्साइज वसूलती है। लेकिन केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी की बढ़ोत्तरी से ध्यान भटकाने के लिए हमेशा राज्यों को सलाह देती है कि वे वेट की दरों में कमी करके राहत पहुँचायें जबकि पिछले 15 सालों से वेट की दरें यथावत् हैं। उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल के मूल्यों में कमी लाने का एकमात्र हल एक्साइज ड्यूटी में कटौती करना ही है। एक्साइज ड्यूटी में कमी होने पर, वेट टैक्स उस अनुपात में स्वयमेव कम हो जाएगा और जनता को राहत मिलेगी। लेकिन केंद्र सरकार को आम आदमी के हितों से कोई सरोकार नहीं है। मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी के माध्यम से 23 लाख करोड़ रू. जनता से लूट लिए और कार्पोरेट घरानों के कंपनियों की कार्पोरेट टैक्स में 10 प्रतिशत कमी करके उन्हें 1,46,000 करोड़ रू. का टैक्स बेनीफिट दे दिया। मोदी सरकार की प्राथमिकता में बड़े उद्योग घराने हैं, आम जनता नहीं?

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मनमोहन सरकार के दौरान पेट्रोल डीजल के दाम में 25 पैसा की बढ़ोतरी होने पर भारतीय जनता पार्टी के नेता छाती पीटते थे सड़कों पर उतर कर हाय तौबा मचाते थे, आलू प्याज की माला पहनते थे, रसोई गैस का सिलेंडर लेकर धरना देते थे। आज देश की जनता जब महंगाई से त्रस्त है तो भाजपा के नेताओं के मुंह में फेवीकोल जम गया है जिनके हाथों में महंगाई कम करने की ताकत जनता ने दिया है वही लोग जनता के ऊपर टैक्स लगाकर महंगाई को बढ़ा रहे हैं मुनाफाखोरी को बढ़ा रहे हैं और पेट्रोलियम कंपनियों के साथ संगठित होकर लूटपाट कर रहे हैं।

Advertisements
Advertisements
error: Content is protected !!