कुपोषण स्तर में कमी लाने जशपुर जिले में सुपोषण चौपाल कार्यक्रम का हुआ आयोजन

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अधिकारियों द्वारा अपने चिन्हाकित गांव में जाकर सरपंच, पंच, जनप्रतिनिधियों, पर्यवेक्षक, एएनएम, मितानिन एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की उपस्थित में सुपोषण चौपाल लगाकर बच्चों के पालकों को जागरूक किया जा रहा

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल के मार्गदर्शन में जिले में कुपोषण के स्तर में कमी लाने, 0-5 वर्ष आयुवर्ग के बच्चों को कुपोषण से मुक्त कराने, जनभागीदारी को बढ़ावा देने और एनिमिया मुक्त अभियान को सफल बनाने सुपोषण चौपाल कार्यक्रम का आयोजन जिला स्तर पर किया जा रहा है।

जिला स्तरीय 50 अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। अधिकारियों द्वारा अपने चिन्हाकित गांव में जाकर सरपंच, पंच, जनप्रतिनिधियों, पर्यवेक्षक, एएनएम, मितानिन एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की उपस्थित में सुपोषण चौपाल लगाकर बच्चों के पालकों को जागरूक किया जा रहा है। 50  चिन्हित ग्राम पंचायत पंचायत में  सुपोषण चौपाल  आयोजित कर कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने का लक्ष्य लेकर कार्यक्रम किया जा रहा है।

इसी कड़ी में विगत दिनों  17 जून को पुनः सुपोषण चौपाल का आयोजन किया गया। सभी नोडल अधिकारी अपने चिन्हांकित गांव में जाकर वहां कुपोषित बच्चों के माता-पिता से मिलकर अपने आस-पास स्वच्छता रखने, साफ-सुथरा बर्तन में पानी रखने, बच्चों को घर में बना ताजा भोजन देने, स्थानीय फल का उपयोग करने, बच्चों का नियमित स्वास्थ्य जांच कराने, कुपोषित बच्चों को पतला आहार न दे उन्हें भोजन में गाढ़ा और मुलायम भोजन देने, भोजन में आयोडीन नमक का ही उपयोग करने, प्रतिदिन कम से कम एक पका हुआ मौसमी फल थोड़ा थोड़ा खिलाने को कहा गया, साथ ही पालकों को समझाइश देते हुए बताया गया कि बच्चों को खाना खिलाने से पहले हाथ और बर्तन को अच्छी तरह से साथ करना चाहिए, अंडा और दूध नियमित बच्चों को देना चाहिए, सब्जियों में हरी साग भाजी का अधिक उपयोग करें। नोडल अधिकारी, सरपंच एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि द्वारा कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने का संकल्प लिया गया। कुपोषित बच्चों एवं माताओं को अधिकारियों द्वारा फल वितरण किया गया। नोडल अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि, सरपंच, सक्रिय महिला स्व सहायता समूह के सदस्य, मितानिन ए.एन.एम. पर्यवेक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा सुपोषण चौपाल में गोद भराई, बाल संदर्भ सेवा अतंर्गत बच्चों का स्वास्थ्य जांच, भोजन प्रदर्शन, अन्नप्राशन (बाल) भोज), जैसे कार्यक्रम किये गये।

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