मोदी आये या शाह 2023 में आयेगी तो कांग्रेस ही, छत्तीसगढ़ की जनता ने भाजपा के छत्तीसगढ़ विरोधी रवैय्ये को देखा है – मोहन मरकाम

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे के पूर्व गृहमंत्री अमित शाह के दौरे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी आयें या शाह छत्तीसगढ़ में 2023 में आयेगी कांग्रेस ही जनता इस बात को भलीभांति समझ रही है कि मोदी को छत्तीसगढ़ की याद चुनाव में ही आती है। देश में यदि मोदी की सरकार है तो उसमें बड़ा योगदान छत्तीसगढ़ का भी है। छत्तीसगढ़ से भाजपा के 9 सांसद है लेकिन पिछले 9 सालों में मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ के साथ सौतेला व्यवहार किया। छत्तीसगढ़ के भले के लिये कोई निर्णय नहीं लिया। राज्य के हित में कोई योजना नहीं बनाई गयी। केन्द्रीय योजनाओं को लागू करने में भी छत्तीसगढ़ की उपेक्षा की गयी। कोरोना के समय देशभर में चलाई गयी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से छत्तीसगढ़ को वंचित रखा गया। छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल होने के बावजूद तथा रामवनगमन का अधिकांश समय छत्तीसगढ़ में बीतने के बावजूद रामायण सर्किट से छत्तीसगढ़ को वंचित रखा गया। छत्तीसगढ़ के प्रधानमंत्री आवास में विलंब के कारण कटौती कर दिया। छत्तीसगढ़ में तैनात केन्द्रीय सुरक्षाबलों पर लगने वाले 11000 करोड़ को छत्तीसगढ़ से वसूल लिया। छत्तीसगढ़ की जनता भूली नहीं है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी सरकार छत्तीसगढ़ के साथ लगातार दोयम दर्जे का व्यवहार कर रही है। हमारे यहां के कोयले को बाहर ले जाने केन्द्र सरकार हमारे नागरिकों की रेल सुविधायें लगातार बाधित किया गया है। मोदी सरकार के कुप्रबंधन और मनमानी के चलते छत्तीसगढ़ की जनता को ट्रेन और उद्योगों को कोयला संकट से जूझना पड़ा और भाजपा के सांसद जनता की समस्याओं के लिए जिम्मेदार मोदी सरकार के मनमानी के आगे आंखों में पट्टी बांधकर गंधारी की भूमिका निभा रहे थे। छत्तीसगढ़ की जनता को बीते 2 साल से ट्रेन नहीं मिल रहा है। देश में एक जोन मंडल से सर्वाधिक ट्रेने कही रद्द की गयी है तो वह छत्तीसगढ़ है। राज्य के उद्योगों को भी कोयला के संकट से जूझना पड़ रहा है। मोदी सरकार छत्तीसगढ़ से रोज लाखो टन कोयला ट्रेनों में भरकर दूसरे राज्यों को सप्लाई कर रही है। लेकिन छत्तीसगढ़ के उद्योगों को कोयला नही दे रही है। छत्तीसगढ़ में कोयला संकट के चलते सैकड़ो उद्योग बन्द हो गये थे। उद्योग बन्द होने से वहाँ काम करने वाले हजारों मजदूरों को रोजी रोजगार के संकट से जूझना पड़ा।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने वादा अनुसार पहली बार जब किसानों की धान 2500 रु. प्रति क्विंटल की दर पर खरीदी की तब नरेंद्र मोदी की सरकार ने किसानों को धान की कीमत 2500 रु. देने में रोक लगाने सेंट्रल पुल में चावल लेने में नियम शर्ते लगाने लगाई और धान की कीमत 2500 रु. देने पर सेंट्रल पूल में चावल नहीं लेने की धमकी दिया था। कभी उसना चावल नहीं लेने के फरमान जारी कर परेशान किया गया। किसानों की धान की खरीदी ना हो इसके लिए पर्याप्त मात्रा में बारदाना नहीं दिया जाता था समय पर चावल सप्लाई के लिए ट्रेन की रैक नहीं मिलती थी सही समय पर भुगतान नहीं किया जाता है और जब खेती-किसानी का समय आता है तब भी मोदी सरकार मांग के अनुसार खाद की आपूर्ति नहीं करती है यह मोदी सरकार का किसान विरोधी चरित्र है।

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