कंजक्टीवाइटिस आँखों की संक्रामक बीमारी, जांच एवं उपचार की सुविधा जिला चिकित्सालय जशपुर एवं स्वास्थ्य केन्द्रों में निःशुल्क उपलब्ध
July 26, 2023समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर
जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग जशपुर में संयुक्त प्रयास एवं निर्देशानुसार समान्यतः वर्षात के मौसम में फैलने वाली आँखों की बीमारी जिसे कंजक्टीवाइटिस कहते है गांव में इसे आँख आना या गुलाबी आँख कहते है इसके मुख्य लक्षण खुजली के साथ-साथ आँख में कीचड़ आता है, ऑसू का बहना एवं आँख में चूभन होती है तथा आँख में सूजन एवं साथ में बुखार भी आता है।
कंजक्टीवाइटिस अधिकतर बच्चों में होने वाली बीमारी है क्यों कि बच्चे खलेते वक्त दूसरों को संक्रमित करते है। बड़े व्यक्ति इससे कम प्रभावित होते है।
बचाव एवं रोकथाम –
ऐसे बच्चों को स्कूल एवं हॉस्टल से दो या तीन दिन की छुट्टी दे देना चाहिए क्यों कि बैक्टीरीयल इंनफेक्शन दो या तीन दिनों में कम अथवा खत्म हो जाते है। संक्रमित व्यक्ति के समान एवं कपड़ों का इस्तेमाल न करें। अपने हाथों को साफ रखे एवं हाथ के स्वच्छता का विशेष ध्यान रखे। संक्रमित व्यक्ति को काला चश्मा जरूर पहनना चाहिए।
उपचार –
इस बीमारी के बचाव हेतु नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर नेत्र रोग विशेषज्ञ से निःशुल्क परामर्श एवं दवाई प्राप्त कर सकते है। तीन दिनों में आराम नही मिलने पर किसी अन्य बीमारी की संभावना हो सकती है। अतः ऐसे में नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास दिखाना उचित होता है। अन्यथा गंभीर स्थिति निर्मित हो सकती है। इसके जांच एवं उपचार की सुविधा जिला चिकित्सालय एवं सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्रों में निःशुल्क उपलब्ध है।
स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार आंखों की बीमारी से पीड़ित व्यक्ति अन्य किसी व्यक्तियों को तब ही संक्रमित कर सकता है जब वह पीड़ित व्यक्ति आंखों में हाथ लगाने के बाद किसी से हाथ मिलाते है और पीड़ित व्यक्ति से हाथ मिलाने वाला उसी हाथ को अपनी आंखों में लगाते हैं। साथ ही पीड़ित व्यक्ति के रूमाल, टॉवल, उपयोग की गई चादर का इस्तेमाल करने सभी संक्रमण फैलता है।
पीड़ित व्यक्ति की आंखों में घूरकर देखने या करीब से गुजरने या साथ बैठने से आँखों की बीमारी बिल्कुल नहीं फैलता है।