छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी लगाएगा दो नए संयंत्र : 1320 मेगावॉट सुपर क्रिटिकल पॉवर स्टेशन की कल आधार-शिला रखेंगे मुख्यमंत्री !

July 28, 2023 Off By Samdarshi News

इन दोनों संयंत्रों से 2029 और 2030 तक बिजली उत्पादन का रखा गया है लक्ष्य.

आने वाले भविष्य में छत्तीसगढ़ अपनी आवश्यकताओं के लिए हो सकेगा आत्मनिर्भर.

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

रायपुर : छत्तीसगढ़ को ऊर्जा के क्षेत्र में नई ऊंचाई प्रदान करने कल 29 जुलाई को कोरबा में 1320 मेगावाट सुपर क्रिटिकल थर्मल पॉवर स्टेशन कोरबा का शिलान्यास माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल रखेंगे। यह छत्तीसगढ़ को ऊर्जा के मामले में सर्वोच्च बनाए रखने की दिशा में एक और मील का पत्थर सिद्ध होगा। इससे छत्तीसगढ़ आने वाले भविष्य में अपनी आवश्यकताओं के लिए आत्मनिर्भर हो सकेगा।

कोरबा घंटाघर मैदान में कल 29 जुलाई को प्रातः 10:30 बजे शिलान्यास समारोह का आयोजन किया गया है। इसके मुख्य अतिथि माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल होंगे। समारोह की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत करेंगे। समारोह में उपमुख्यमंत्री श्री टीएस सिंहदेव, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, सांसद श्रीमती ज्योत्सना चरणदास महंत, श्री दीपक बैज, विधायक श्री मोहित राम, श्री पुरूषोत्तम कंवर, श्री ननकीराम कंवर, महापौर श्री राजकिशोर प्रसाद एवं जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शिवकला छत्रपाल सिंह कंवर विशेष रूप से उपस्थित रहेंगी। समारोह में कोरबा के मेडिकल कालेज की भी आधारशिला रखी जाएगी।

छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी की कुल उत्पादन क्षमता 2978.7 मेगावाट है। राज्य स्थापना के समय उत्पादन क्षमता 1360 मेगावाट थी। वर्तमान में छत्तीसगढ़ जीरो पॉवर कट स्टेट बना हुआ है। प्रदेश में तेज गति से हो रहे आर्थिक विकास से बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है। भविष्य की आवश्यकता को देखते हुए कोरबा में 660 मेगावाट के दो नए संयंत्र की स्थापना की जाएगी। यह 1320 मेगावाट का सुपर क्रिटिकल थर्मल पॉवर स्टेशन प्रदेश का सबसे बड़ा और आधुनिक संयंत्र होगा। इससे एक ओर हम बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर होंगे, दूसरी ओर रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। हसदेव ताप विद्युत गृह कोरबा पश्चिम में इसके लिए पर्याप्त भूमि है। यहां कन्वेयर बेल्ट से कोयले की सुगम परिवहन की सुविधा उपलब्ध है।

माननीय मुख्यमंत्री ने 25 अगस्त 2022 को इस संयंत्र की स्थापना का निर्णय लिया था। जिस पर तेज गति से कार्य करते हुए छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी आवश्यक अनुमति एवं स्वीकृतियां प्राप्त की। भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय से टर्म ऑफ रिफसेन्स और कोयला मंत्रालय से कोल आबंटन प्रदान कर दिया गया है, जिसके बाद इसके लिये भूमिपूजन का कार्यक्रम तय किया गया है। इन दोनों संयंत्रों से 2029 और 2030 तक बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।