वन भूमि का पट्टा देने में छत्तीसगढ़ देश में अग्रणी राज्य : राज्य में लगभग पौने पांच वर्ष में 59 हजार 791 व्यक्तिगत वन अधिकार-पत्र वितरित किए गए हैं, जिसका कुल रकबा 33,238.504 हेक्टेयर है.

वन भूमि का पट्टा देने में छत्तीसगढ़ देश में अग्रणी राज्य : राज्य में लगभग पौने पांच वर्ष में 59 हजार 791 व्यक्तिगत वन अधिकार-पत्र वितरित किए गए हैं, जिसका कुल रकबा 33,238.504 हेक्टेयर है.

August 8, 2023 Off By Samdarshi News

राज्य में 25 हजार 109 सामुदायिक वन अधिकार-पत्र वितरित किए गए है, जिसका कुल रकबा 11,81,587.935 हेक्टेयर है.

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

रायपुर : छत्तीसगढ प्राकृतिक वन संपदा से सम्पन्न प्रदेश है और यहां सदियों से निवासरत आदिवासी समुदाय के लोगों की राज्य में एक अलग पहचान हैं। यहां की पहचान लोक कला, संस्कृति, रीति रिवाज, नृत्य, महोत्सव अपनी गौरवशाली संस्कृति को बनाकर रखी गई है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आदिवासियों को सभी अधिकार देने की पहल शुरू की, वनांचल क्षेत्र में बरसों से रहने वाले आदिवासी परिवारों को 59 हजार 791 वन अधिकार-पत्र दिया गया है। जिससे वे अपनी काबिज भूमि में खेती-बाड़ी कर आर्थिक तरक्की कर सकें। मुख्यमंत्री ने किसानों की जमीन वापसी, तेंदूपत्ता संग्रहण दर को 2500/- रूपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा करके किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाई है। वेल्यू एडीशन करके न सिर्फ़ वनवासियों की आय में बढ़ोतरी की है, बल्कि रोजगार के अवसरों का भी निर्माण किया है। छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासी समुदाय के जुड़े हर मसले को पूरी संवेदनशीलता और तत्परता से निराकरण करने के साथ उनकी बेहतरी के लिए कदम उठा रही है।

राज्य में लगभग पौने पांच वर्ष में 59 हजार 791 व्यक्तिगत वन अधिकार-पत्र वितरित किए गए हैं, जिसका कुल रकबा 33,238.504 हेक्टेयर है। इसी प्रकार 25 हजार 109 सामुदायिक वन अधिकार-पत्र वितरित किए गए है, जिसका कुल रकबा 11,81,587.935 हेक्टेयर है। देश में सर्वप्रथम नगरीय क्षेत्र में व्यक्तिगत वन अधिकार सामुदायिक वन अधिकार-पत्र एवं सामुदायिक वन संसाधन अधिकार-पत्र प्रदाय करने की कार्यवाही छत्तीसगढ़ राज्य में की गई। इसके साथ ही विभिन्न जिलों में अब तक 3,964 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार मान्य किए गए हैं, इनका कुल रकबा 17,292,37.103 हेक्टेयर है। राज्य में अब तक विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह के 23 हजार 571 लोगों को व्यक्तिगत वन अधिकार-पत्र, जिनका रकबा 19,124.408 हेक्टेयर वन भूमि, इसी प्रकार 2360 सामुदायिक वन अधिकार-पत्र पर कुल रकबा 1,22,679.174 हेक्टेयर और 184 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार-पत्र दिया गया है, जिसका कुल रकबा 1,44,525.947 हेक्टेयर प्रदान किया गया।

वन अधिकार पट्टाधारी वनवासियों के जीवन को आसान बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा उनके पट्टे की भूमि का समतलीकरण, मेड़बधान, सिंचाई की सुविधा के साथ-साथ, खाद-बीज एवं कृषि उपकरण भी उपलब्ध कराएं जा रहे हैं। वन भूमि पर खेती करने वाले वनवासियों को आम किसानों की तरह शासन की योजनाओं का लाभ मिलने लगा है। वनांचल में कोदों, कुटकी, रागी की बहुलता से खेती करने वाले आदिवासियों को उत्पादन के लिए प्रति एकड़ 9 हजार रुपए इनपुट सब्सिडी देने का प्रावधान है, इसके साथ ही राजीव गांधी किसान न्याय योजना का भी लाभ इन्हें दिया जा रहा है।