कांग्रेस की आपसी अंतर्कलह से जनता परेशान, छुटकारा पाने बना लिया मन, 2023 में खिलाएंगे कमल, भाजपा पूरी ताकत के साथ चुनाव की तैयारी में जुटी, प्रत्याशियों की सूची जल्द करेंगे जारी – भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव
August 29, 2023भूपेश सरकार में अपराधियों के हौसले बुलंद, आपके राज में ही कबीरधाम और बिरनपुर में हुई हिंसा
छत्तीसगढ़ के इतिहास में 100 दिन तक लगा धारा 144, ये सरकार की बड़ी नाकामी
समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर
रायपुर : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने सोमवार को प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में विभिन्न मुद्दों पर मीडिया से चर्चा की। साव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी विधानसभा चुनाव की तैयारी में पूरी ताकत के साथ लगी है। अभी हमारे वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में गए थे। वहां के प्रमुख पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। स्थानीय हालातों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया, जिस पर आज दिन भर विचार विमर्श और बातचीत की गई। बीजेपी पूरी ताकत के साथ चुनाव की तैयारी में जुटी है। छत्तीसगढ़ प्रदेश में नवम्बर 2023 में कमल खिलाएंगे।
अन्य विधानसभा में उम्मीदवारों के नाम घोषणा को लेकर साव ने कहा कि सभी विषयों पर अध्ययन करके हमारे पदाधिकारियों ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया है। उन प्रतिवेदनों पर विचार किया जा रहा है। संगठन ने जिस तरह से 21 प्रत्याशियों का नाम घोषित किया है, आगे भी हम प्रत्याशियों की सूची जारी करेंगे।
कांग्रेस के अंतर्कलह से जनता को नुकसान
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के बयान और कांग्रेस के अंतर्कलह को लेकर साव ने कहा कि कांग्रेस की आपसी अंतर्कलह का खामियाजा छत्तीसगढ़ की जनता को भोगना पड़ रहा है। इनके नेताओं में आपसी लड़ाई चल रही है। यह तो पहले से ही जनता देख रही है। जनता ने भी इनसे छुटकारा पाने का मन बना लिया है।
मुख्यमंत्री बघेल के बयान पर पलटवार
साव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़वासी देख रहे है कि किनके राज में कबीरधाम जैसी घटना हुई, बिरनपुर की घटना हुई। साव ने कहा कि 100 दिन से अधिक किसी गांव में धारा 144 लागू किया गया। छत्तीसगढ़ में ऐसा एक नया इतिहास कांग्रेस काल में ही बना है। इस भूपेश सरकार में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। बड़ी-बड़ी चाकूबाजी हत्या की घटनाएं दिनदहाडे हुई। जब कांग्रेस नेता, इनके विधायक हिंसा के लिए आतुर हों, वहां आप कल्पना कीजिये कानून की स्थिति क्या होगी ?