जमाल सिद्दीकी अल्पसंख्यकों का नेता बल्कि नहीं बीजेपी का एजेंट है, जमाल सिद्दीकी अल्पसंख्यकों के हितैषी होते तो कब का भाजपा छोड़ देते – अनुपम फिलिप

Advertisements
Advertisements

मोदी सरकार ने अल्पसंख्यक मंत्रालय को मिलने वाले बजट में कटौती किया तब मौन क्यों थे जमाल सिद्दाकी ?

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

भाजपा के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष के प्रेस वार्ता पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अनुपम फिलिप कहा कि जमाल सिद्दीक़ी अल्पसंख्यकों के नेता नहीं है। वो बीजेपी आरएसएस के एजेंट है। जमाल सिद्दीकी को हकीकत में अल्पसंख्यक वर्ग की चिंता होती तो वे अब तक भाजपा छोड़ चुके होते? मोदी सरकार बनने के बाद अल्पसंख्यक वर्ग के हितों के लिए मिलने वाले बजट में भारी कटौती किया गया है। अल्पसंख्यक वर्ग के बेहतरी के लिए कोई काम नहीं किया गया है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अनुपम फिलिप ने कहा कि जमाल सिद्दीक़ी बतायें कि मोदी सरकार ने आखिरी पूर्ण बजट में अल्पसंख्यक मंत्रालय के बजट में भारी कटौती आखिर क्यों किया? क्या यह निर्णय अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय नहीं है? 2023-24 के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय को 3,097 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है जबकि 2022-2023 के बजट में यह राशि 5,020 करोड़ रुपये थी। मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन बंद करने की साजिश रची गयी है। इसके लिए सिर्फ 10 लाख रुपये का बजट आवंटन इसी बात का संदेह पैदा करता है। नई मंज़िल को भी सिर्फ 10 लाख का बजट दिया गया है। स्किल डेवलपमेंट को भी दस लाख रुपये आवंटित किए गए हैं। यह राशि इतने बड़े प्रोजेक्ट के लिये नाकाफी है। पिछले साल स्किल डेवलपमेंट का बजट 100 करोड़ रुपये था। यूपीएससी की तैयारी के लिए अल्पसंख्यक छात्रों को मिलनी वाली सुविधाएं बंद कर दी गयी है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अनुपम फिलिप ने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में आज भी अल्पसंख्यक समुदायों के ऊपर हमले हो रहे हैं। उन्हें डराया और धमकाया जा रहा है। देश से भागने और देश छोड़कर जाने तक की धमकियां दी जाती है। ऐसे में देश में भाजपा के खिलाफ बढ़ते आक्रोश और विधानसभा चुनाव में भाजपा की करारी हार को देखते हुए भाजपा अब गिरगिट की तरह रंग बदलकर अल्पसंख्यक समुदाय के हितैषी होने का ढोंग कर रही है।

Advertisements
Advertisements
error: Content is protected !!