झूठों के सरदार के सिपहसालार बनना खड़गे को शोभा नहीं देता, जनता के पैसे उड़ाकर कांग्रेस भरोसा नहीं जीत सकती – सरोज पांडेय

झूठों के सरदार के सिपहसालार बनना खड़गे को शोभा नहीं देता, जनता के पैसे उड़ाकर कांग्रेस भरोसा नहीं जीत सकती – सरोज पांडेय

October 4, 2023 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व राज्यसभा सांसद डॉ. सरोज पांडेय ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा रायगढ़ में आयोजित शासकीय कार्यक्रम में राजनीतिक बातें कहे जाने का कड़ा प्रतिवाद करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता के पैसे पर कांग्रेस की जो महफिलें सजाई जा रही हैं और उनमें जिस निम्न स्तर की टिप्पणियां कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष कर रहे हैं, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री कर रहे हैं, वह जनता देख रही है कि उसके पैसे का किस तरह दुरुपयोग किया जा रहा है। झूठों के सरदार के सिपहसालार बनना खड़गे को शोभा नहीं देता।

भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज पांडेय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हर बात गारंटी होती है। झूठों के सरदार तो छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हैं और उनसे भी बड़े झूठे राहुल गांधी हैं, जो घूम घूम कर भूपेश के झूठों का प्रचार करते हुए उनके ब्रांड एंबेसडर बने हुए हैं। क्योंकि भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ की जनता को लूट लूट कर कांग्रेस का खजाना भर रहे हैं। छत्तीसगढ़ की जनता के धन की बर्बादी करके कांग्रेस अगर यह सोचती है कि जनता उसके झूठे प्रचार पर भरोसा कर लेगी तो कांग्रेस को यह गलतफहमी मुबारक हो। छत्तीसगढ़ की जनता को भूपेश सरकार पर जरा सा भी भरोसा नहीं है। इसलिए वह भरोसे के सम्मेलन आयोजित कर रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस के आयोजनों को सरकारी कार्यक्रम का रूप दिया जा रहा है। यदि यह सरकारी कार्यक्रम हैं तो मल्लिकार्जुन खड़गे इनमें राजनीतिक बातें कैसे कर रहे हैं?

भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज पांडेय ने कहा कि मां-बेटे की सरकार तो मनमोहन सिंह के जमाने में चला करती थी। एक कठपुतली प्रधानमंत्री 10 साल तक रिमोट कंट्रोल से  संचालित होता रहा। खड़गे अपनी पार्टी का इतिहास देखें, जहां सीताराम केसरी जैसों को एक परिवार की खातिर धकिया कर कांग्रेस अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था। यह वही कांग्रेस है, जिसने पीवी नरसिंहराव का टिकट प्रधानमंत्री रहते हुए काटा था। यह वही कांग्रेस है जिसमें अध्यक्ष रहते हुए खड़गे किसी दरबारी से ज्यादा अहमियत नहीं रखते। भूपेश बघेल भी अच्छी तरह समझ लें कि 2 महीने बाद वह भी दरबारी होने का अवसर खोने वाले हैं। क्योंकि जब तक छत्तीसगढ़ को लूट कर आला परिवार को सौंप रहे हैं, तब तक ही फंड मैनेजर की उनकी भूमिका सलामत है। इसके बाद भूपेश बघेल भी कांग्रेस के उस दरबार में कहीं नजर नहीं आएंगे।