जब कहते हैं कि धान खरीदी में केंद्र कि को भूमिका ही नहीं, तो फिर क्यों इस तरह की हरकत करते हैं
बघेल अब केजरीवाल की भौंडी नकल कर रहे। भाड़े के पत्र लेखकों के द्वारा लिखे पत्र पर ही घटिया राजनीति करना इनका काम रह गया है
समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर
कौशिक ने कहा कल प्रधानमंत्री जी बस्तर में थे। तब मिलने का समय नहीं था इनके पास लेकिन पत्र लिखने का समय है। घोषणा पत्र के संयोजक रहे सिंहदेव ने साफ साफ कहा था कि राज्य के पास बोनस आदि देने के लिए पर्याप्त संसाधन है। फिर इसमें केंद्र कहां से आ गया?
कौशिक ने कहा प्रदेश में किसान बंधु को नादान समझने का मुगालता नहीं पालें बघेल। इनमें पूरे कैबिनेट से अधिक पढ़े लिखे और ज्ञानी हैं प्रदेश के किसान वे सब समझते हैं। ऐन चुनाव के समय इन्हें अब बोनस की याद आयी है जब कुर्सी जा रही इनकी। काठ की हांडी इनकी अब नहीं चढ़ेगी। दशकों के लिए इस बार कांग्रेस की विदाई करके मानेंगे किसान।