भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी सन्दीप शर्मा ने कहा – धान खरीदी की नीतियाँ किसानो के लिए बन रही मुसीबत….देखें विडियो

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,

रायपुर, कृषिमंत्री रविन्द्र चौबे जी ने किसानों से अपील की थी कि वे धान बेचने में 25% बारदाना देवें, परन्तु उनकी यह अपील अब किसानों पर आतंक के रूप में टूटा है। किसानों से 25% के बदले 50% तक बारदाना मांगा जा रहा है। देवभोग के एक किसान से तो 100% बारदाना ले लिया गया। बारदाना के लिए ना नुकुर करने वाले किसानों को टोकन के लिए भी भटकना पड़ रहा है।

दूसरी तरफ जिन किसानों ने खरीफ के लिए ब्याजमुक्त अल्पकालीन ऋण मई- जून में लिया है जिसे चुकाने की अंतिम तिथि 30 मार्च 2022 है और जिन्होंने रबी के लिए सितंबर माह में ऋण लिया है जिसे चुकाने की अंतिम तिथि 30 जून 2022 है उनके ऋण की राशि को धान बेचे जाने के बाद किसान के सहमति के बिना ऋण में समायोजित किया जा रहा है। लेखनीय है कि यह ऋण की राशि ब्याज मुक्त है किसान इसका उपयोग अपने कृषि संबंधी कार्य मे निर्धारित तिथि तक कर सकते हैं परंतु इस प्रकार बिना सहमति के राशि का समायोजन घोर निंदनीय है, किसान विरोधी है।

दुर्भाग्य की बात यह है कि इसप्रकार की कार्यवाई बेमेतरा जिला में ही हो रही है जहाँ के निवासी स्वयं कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे जी हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल जी तो आजकल उत्तरप्रदेश के निवासी हो गए हैं जहाँ वे आत्मप्रशंसा में मुग्ध हैं। ऐसे समय मे अपनी गुहार लगाने किसान जाएं तो जाएं कहाँ। यह कृत्य घोर निंदनीय है।

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