हीरक जयंती वार्षिकोत्सव में पदक वितरण एवं सम्मान समारोह : नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर का गौरवशाली इतिहास – राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन

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समदर्शी न्यूज़, रायपुर

पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, रायपुर के हीरक जयंती (डायमंड जुबली) वर्ष के अवसर पर वार्षिकोत्सव कार्यक्रम को अटल बिहारी बाजपेयी सभागार में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के भूतपूर्व अधिष्ठाताओं एवं शिक्षकों का सम्मान एवं मेधावी छात्रों को पदक वितरण किया गया। साथ ही इस महाविद्यालय में एम.बी.बी.एस. प्रथम बैच 1963 में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर माननीय राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन की गरिमामय उपस्थिति थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ए.के. चन्द्राकर ने की और विशिष्ट अतिथि के तौर पर सचिव चिकित्सा शिक्षा पी.दयानंद एवं संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. विष्णु दत्त उपस्थित थे।

राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि मैं चिकित्सा महाविद्यालय के 60वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य पर यहाँ आकर बेहद प्रसन्न महसूस कर रहा हूँ। इस चिकित्सा महाविद्यालय का गौरवशाली इतिहास रहा है। इसका नाम देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाम पर रखा गया है। यह बहुत गर्व और सम्मान की बात है। सन 1963 में इसकी शुरूआत 60 विद्यार्थियों से हुई थी जो वर्तमान में 230 विद्यार्थियों के साथ प्रदेश का सबसे बड़ा मेडिकल कॉलेज बन गया है। कोविड-19 के महामारी के समय डॉक्टरों ने मानव समाज की रक्षा के लिये जो योगदान दिया है उसको भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने रामायण के एक प्रसंग का जिक्र करते हुये लंकापति रावण के राजवैद्य सुषेण द्वारा प्रभु श्री राम के समक्ष लक्ष्मण के प्राण बचाने के लिये किये गये प्रयत्न का जिक्र करते हुये कहा कि एक चिकित्सक का धर्म सदैव पीड़ित के प्राणों की रक्षा करना रहा है। एक चिकित्सक जब किसी का इलाज कर रहा होता है तब रोगी की जीवनरक्षा उसकी प्रथम प्राथमिकता होती है।

सम्मान समारोह के स्वागत उद्बोधन में अधिष्ठाता डॉ. तृप्ति नागरिया ने कहा कि विगत 60 वर्षों ने इसने अपने प्रगति के कई सोपान तय किये हैं। आज इस चिकित्सा महाविद्यालय से सम्बद्ध 1240 बिस्तरों का अपना अस्पताल है जहाँ पर बहु विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम है जो मरीजों के उपचार में निरंतर संलग्न है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे आयुष विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डॉ. अशोक चन्द्राकर ने सभी पदक विजेता मेधावी विद्यार्थियों को बधाई देते हुये उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

कार्यक्रम का संचालन पैथालॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अरविन्द नेरल ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन अम्बेडकर अस्पताल अधीक्षक डॉ. एस.बी.एस. नेताम ने किया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के भूतपूर्व सीनियरमोस्ट टीचर 95 वर्षीय डॉ. जे.सी. गुप्ता, डॉ. श्रीमती के. पंधेर, डॉ. पी.के. मुखर्जी, डॉ. के. सुदर्शन, डॉ. जी.बी. गुप्ता, डॉ. डी.एस. तिवारी, डॉ. अनिल वर्मा, डॉ. सुबीर मुखर्जी, डॉ. एस.एल. आदिले और डॉ. पी.एल. यदु को माननीय राज्यपाल महोदय द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दूसरे चरण में शेष सेवानिवृत्त चिकित्सा शिक्षक एवं 1963 एम.बी.बी.एस. प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को माननीय कुलपति डॉ. अशोक चन्द्राकर द्वारा शॉल-श्रीफल एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम प्रभारी वरिष्ठ चिकित्सा शिक्षक डॉ. अरविन्द नेरल ने जानकारी दी कि चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर के 60 वर्षीय इतिहास में पहली बार किसी वार्षिकोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में माननीय राज्यपाल महोदय की गरिमामय उपस्थिति रही है। 35 वरिष्ठ सेवा-निवृत्त चिकित्सा शिक्षकों का एक साथ सम्मान किया जाना इस क्रार्यक्रम की उपलब्धि रही है और ऐसा पहली बार हुआ है। 95 वर्षीय पिता डॉ. जे.सी. गुप्ता और उनके सुपुत्र सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. शशांक गुप्ता का एक ही मंच पर राज्यपाल महोदय द्वारा सम्मान किया जाना बहुत सुखद और अभूतपूर्व रहा है। विभिन्न विषयों के तीन-तीन पीढ़ियों के शिक्षकों का समागम बहुत भावनात्मक, सुखद और यादगार रहा।

शिक्षक जिन्हें सम्मानित किया गया है

 डॉ. जे.सी. गुप्ता, डॉ. श्रीमती के. पंधेर, डॉ. के. सुदर्शन,  डॉ. पी.के.  मुखर्जी, डॉ. एस.एन.  मिश्रा, डॉ. डी.एस.तिवारी,  डॉ. जी.बी.  गुप्ता,  डॉ. अनिल वर्मा, डॉ. एस.एल.  आदिले,  डॉ. सुबीर मुखर्जी, डॉ. पी.एल.  यदु, डॉ. श्रीमती वी. सुदर्शन, डॉ. श्रीमती एन.के.  गांधी, डॉ. सी.के.  शुक्ल, डॉ. श्रीमती एस. शास्त्री, डॉ. आभा सिंह, डॉ. पी.के.  निगम, डॉ. छाया बनर्जी, डॉ. सूरज अग्रवाल, डॉ. श्रीमती सुषमा वर्मा, डॉ. मीना गोयल, डॉ. एन.एन. ठक्कर, डॉ. आर.सी. राम, डॉ. एन.एल.  फुलझेले, डॉ.अनूप वर्मा, डॉ शशांक गुप्ता, डॉ. सपन दास, डॉ. माणिक चटर्जी, डॉ. राजेश हिशीकर, डॉ. जी.पी.  सोनी,  डॉ. देवेश्री सरकार, डॉ. अजीत डहरवाल

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