लोक अदालत का सार, न किसी की जीत न किसी की हार…..-जस्टिस रमेश सिन्हा, मुख्य न्यायाधीश

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समदर्शी न्यूज़, बिलासपुर

आगामी नेशनल लोक अदालत दिनांक 16-12-2023 की तैयारियों  के संबंध में माननीय श्री न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा, मुख्य न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक, छत्तीसगढ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्षता एवं  माननीय श्री न्यायमूर्ति गौतम भादु़ड़ी, न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण तथा माननीय श्री न्यायमूर्ति संजय के0 अग्रवाल, न्यायाधीश, छत्तीसगढ उच्च न्यायालय एवं अध्यक्ष, उच्च  न्यायालय विधिक सेवा समिति की विशिष्ट उपस्थिति में संयुक्त रूप से छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय से विडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से समस्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के जिला न्यायाधीश/ अध्यक्ष, सचिव, फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश/ न्यायाधीश, स्थायी लोक अदालत के चेयनमेन, सीजेएम, लेबर जजों की बैठक ली गई।  

उक्त बैठक में माननीय श्री न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा, मुख्य न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक, छत्तीसगढ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने सभी न्यायाधीशों से आगामी नेशनल लोक अदालत में सिविल, आपराधिक एवं अन्य राजीनामा योग्य प्रकरणों एवं पुराने 5 वर्ष एवं 10 वर्ष से अधिक समय से लंबित प्रकरणों को की संख्या में बढ़ोत्तरी करते हुए अधिक से अधिक संख्या में चिन्हांकित कर निराकृत किये जाने हेतु निर्देश दिये, ताकि लोक अदालत का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिल सके। इसके साथ ही उनके द्वारा प्री-लिटिगेशन के मामलों में भी बढ़ोत्तरी करते हुए अधिक से अधिक संख्या में चिन्हांकित कर निराकृत किये जाने हेतु निर्देशित किया, ताकि वे प्रकरण न्यायालय में संस्थित होने से पहले ही निराकृत हो जाये। उनके द्वारा पिछली लोक अदालत में आंकड़ों के मामले में सर्वोच्च स्थान रहे जिलों को उनके जिले के क्षेत्र आकार एवं लंबित संख्या को देखते हुए अधिक से अधिक प्रकरणों का निराकरण का लक्ष्य रखते हुए निराकरण करने का प्रयास करें।

उक्त वर्चुअल बैठक में माननीय श्री न्यायमूर्ति गौतम भादु़़ड़ी, न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने कहा कि वे न्यायाधीशों को मोटिवेट करने आये हैं, हम भी आपकी तरह लोक अदालत के कार्य को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं, अतः न्यायाधीशों से भी लोकअदालत का अच्छा  रिकार्ड लाने का आव्हान किया। उनके द्वारा एक उदाहरण देते हुए कहा गया कि यदि किसी को इलेक्ट्रानिक शॉक से मृत्यु हो जाती है तो उसमें उसे तत्काल पीड़ित क्षतिपूर्ति दिलाये जाने की कार्यवाही करें, ऐसे मामलों को लेकर जितनी जल्दी हो सके, राजीनामा के आधार पर क्षतिपूर्ति दिलाया जाना मामले का निराकरण किया जावे, ताकि मृतक के परिवार को जल्द राहत मिल सके, यदि ऐसे समय पर न्यायनहींमिलेगा तो न्यायका उददेश्य ही विफल हो जाएगा। उनके द्वारा बीमा, बैंक के अधिकारियों से प्री-सिटिंग करने तथा प्री-लिटिगेशन के मामलों को और ज्यादा ज्यादा  निराकरण का प्रयास किया जावे। उनकेद्वारा न्यायिक अधिकारियों से टीम वर्क के साथ कार्य करने को कहा साथ ही पिछली लोक अदालत में निराकरण हुए प्रकरणों की संख्या को बढ़ाने कहा।

उक्त बैठक में माननीय श्री न्यायमूर्ति संजय के0 अग्रवाल, न्यायाधीश, छत्तीसगढ उच्च न्यायालय एवं अध्यक्ष, उच्च  न्यायालय विधिक सेवा समिति ने कहा कि अभी तक लगभग 3 लाख 258 प्रकरण चिन्हांकित किये जा चुके हैं,  जो न्यायालयों में लंबित प्रकरणों की तुलना में कम है, उनके द्वारा विशेष रूप से अब तक मोटर दुर्घटना के 3258 तथा  धारा 138 एनआई एक्ट के 23074 प्रकरणों के चिन्हांकित किये जाने पर इस प्रकृति के प्रकरण अत्यधिक संख्या में लंबित होना कहते हुए  ऐसे केसों का ज्यादा से ज्यादा संख्या में चिन्हांकित कर निराकृत करने पर जोर दिया साथ ही यदि कोई कमिया रह जाती हैं तो उसे अगली लोक अदालत में पूरा करने का प्रयास किये जाने को कहा।

अवगत हो कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा), नई दिल्ली के निर्देशानुसार वर्ष 2023 हेतु निर्धारित कैलेण्डर अनुसार आगामी नेशनल लोक अदालत का आयोजन दिनांक 09-12-2023 को किया जाना था, किन्तु छत्तीसगढ़ में विधान सभा चुनाव होने के कारण तिथि में परिवर्तन कर दिनांक 16-12-2023 को किया जा रहा है।  यहां यह उल्लेखनीय होगा कि लोक अदालत उच्च न्यायालय से लेकर तहसील न्यायालयों के साथ साथ राजस्व न्यायालयों में भी आयोजित किये जाते हैं।

यह भी उल्लेखनीय है कि आगामी नेशनल लोक अदालत की तैयारी के संबंध में माननीय श्री न्यायमूर्ति गौतम भादु़ड़ी, न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण तथा माननीय श्री न्यायमूर्ति संजय के0 अग्रवाल, न्यायाधीश, छत्तीसगढ उच्च न्यायालय एवं अध्यक्ष, उच्च  न्यायालय विधिक सेवा समिति के द्वारा दिनांक 23-11-2023 को भी सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के जिला न्यायाधीश/ अध्यक्ष, सचिव, फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश/ न्यायाधीश, स्थायी लोक अदालत के चेयनमेन, सीजेएम, लेबर जजों की विडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से बैठक ली गई थी जिसमें उन्हें आवश्यक निर्देश दिये गये थे, ताकि अधिक से अधिक प्रकरण चिन्हांकित होकर लोक अदालत मंे निराकृत हो सके।

गौरतलब है कि दिनांक 14 अक्टूबर को माननीय श्री न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा, मुख्य न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक, छत्तीसगढ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्षता एवं अन्य माननीय न्यायमूर्तिगणों की विशिष्ट उपस्थिति में लोक अदालत में बेहतर प्रदर्शन करने वाले न्यायाधीशों एवं जिलों को मुख्य न्यायाधीश द्वारा सम्मानित किया गया था।

यहां यह बता दे है कि माननीय श्री न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा, मुख्य न्यायाधीश की यदि कार्यशैली को देखा जाये तो उनके द्वारा न केवल अपने अल्प कार्यकाल में हजारो प्रकरणों का निराकरण किये हैं, अपतिु उनके सक्षम नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में न केवल उच्च न्यायालय में बल्कि प्रदेश भर के सभी न्यायालयों में तथा 5 से 10 वर्ष लंबित पुराने मामलों का गुणदोष के आधार पर निराकरण किया गया है तथा उनके मार्ग दर्शन में प्रकरणों के निराकरण में बढ़ोत्तरी हुई है।

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