बालिका गृह जशपुर में विधिक जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,

जशपुर. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जशपुर के अध्यक्ष तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती अनिता डहरिया के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जशपुर के सचिव अमित जिन्दल ने विगत दिवस को मानव अधिकार दिवस पर बालिका गृह जशपुर में जांच, विजीट कर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।

शिविर में बालिकाओं को बताया गया कि वर्ष 1948 से प्रत्येक वर्ष 10 दिसम्बर को मानव अधिकार दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष की मानवधिकार की थीम, इक्वेलिटी अर्थात समानता है। श्री जिन्दल ने बताया कि मानव अधिकार का तात्पर्य मात्र जीवन मात्र से नहीं है। इसका तात्पर्य है कि उस समस्त अधिकार से जो व्यक्ति के गरिमापूर्ण जीवन को पूर्ण बनाये। इसमें गिरफ्तारी से संरक्षण, अवैध निरोध से संरक्षण, जेल में मानव गरिमा से रहने का अधिकार भी है। उन्होने बताया कि इस राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में राज्य मानव अधिकार आयोग की स्थापना का प्रावधान है। उन्होने कहा कि अधिनियम के अनुसार मानव अधिकार से तात्पर्य प्राण, स्वतंत्रता, समानता और व्यक्ति की गरिमा से संबंधित ऐसे अधिकार है जो संविधान द्वारा प्रत्याभूत किए गए है या अंतर्राष्ट्रीय प्रसंविदाओ में सन्निविष्ट और भारत में न्यायालयो द्वारा प्रवर्तनीय है।

श्री जिन्दल ने बताया कि राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग और राज्य मानव अधिकार आयोग को किसी लोक प्राधिकारी द्वारा मानव अधिकार के उल्लंघन और मानव अधिकार के अतिक्रमण के निवारण में किसी लोक सेवक की उपेक्षा में मामले में जांच करने की शक्ति होगी। आयोग स्वप्रेरणा पर भी कार्यवाही कर सकता है। उन्होने यह भी बताया कि जिला जशपुर में भी सेशन न्यायालय मानव अधिकारो से उदभूत होने वाले अपराधो का विचारण करने के लिए, सशक्त है। कार्यक्रम में बालिका गृह की अधीक्षिका श्रीमती मनीषा छाबडा, अनेक बालिकाए उपस्थित थी।

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