समय सीमा की बैठक : शासकीय कार्यालय, स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्रों में करें औचक निरीक्षण, अनुपस्थिति पर करे कड़ी कार्यवाही  – सौरभ कुमार

समय सीमा की बैठक : शासकीय कार्यालय, स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्रों में करें औचक निरीक्षण, अनुपस्थिति पर करे कड़ी कार्यवाही  – सौरभ कुमार

December 19, 2023 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़, कोरबा : कलेक्टर सौरभ कुमार ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में समय सीमा की बैठक में विभागीय योजनाओं की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने अन्य विभागीय अधिकारी एवं तहसीलदारों को निर्देश दिए कि अविवादित नामांतरण, अविवादित बंटवारा, सीमांकन आदि राजस्व प्रकरणों का शीघ्र समाधान करें। यह प्रकरण लंबित नहीं रहना चाहिए। कलेक्टर ने अनुविभागीय अधिकारियों, तहसीलदारों, जनपद पंचायत सीईओ को निर्देशित किया कि शासन की योजनाओं के सुचारू संचालन के लिए स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों का औचक निरीक्षण कर अनुपस्थित अधिकारी-कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए।

कलेक्टर सौरभ कुमार ने समय सीमा की बैठक में निर्देश दिए कि ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों द्वारा ग्रामों में विकसित भारत संकल्प यात्रा के पूर्व की तैयारियां आवश्यक रूप से पूर्ण कर ली जाए। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान भारत सरकार की महत्वपूर्ण 17 योजनाओं का लाभ सभी पात्र हितग्राहियों तक पहुंचाने के लिए अधिकारियों के द्वारा उचित मॉनिटरिंग की जाए। यात्रा के दौरान हितग्राहियों की जानकारी संबंधी डाटा एंट्री सुनिश्चित की जाए। कलेक्टर ने सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं सीएमओ नगरीय निकाय को निर्देशित किया कि पूर्व में बनाए गए अटल चौक, अटल स्तंभ स्थल पर 25 दिसंबर सुशासन दिवस पर जनप्रतिनिधियों को भी शामिल करते हुए कार्यक्रम आयोजित किया जाए। श्री सौरभ कुमार ने निर्देश दिया कि धान खरीदी केंद्रों पर खरीदी की पर्याप्त व्यवस्थाएं की जाए। उन्होंने अपर कलेक्टरों को निर्देशित किया कि वे तहसील न्यायालयों में प्रकरणों की समय सीमा में सुनवाई और कार्यवाही सुनिश्चित करते हुए मैनुअल प्रकरण पर कार्यवाही करें। कलेक्टर ने जिले में विशेष पिछड़ी जनजातियों के उत्थान एवं समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए चलाए जाने वाले जनमन अभियान के विषय में विस्तृत जानकारी देते हुए निर्देश दिए कि इस अभियान के तहत निर्धारित 11 बिंदुओं के प्रारूप के आधार पर पटवारियों के द्वारा जमीनी स्तर पर सर्वे कराया जाए ताकि इसका लाभ विशेष पिछड़ी जनजातियों को मिल सके।