जशपुर : पीएम जनमन योजना का लाभ पहुंचाने गांव-गांव पहुंच रहे अधिकारी-कर्मचारी, चौक-चौराहों पर लगा रहे शिविर, समस्याओं से हो रहे अवगत

समदर्शी न्यूज़, जशपुर : पीएम जनमन योजना के तहत शिविर आयोजन का सिलसिला लगातार जारी हैं। पहाड़ी कोरवा, बिरहोर बस्ती में शिविर आयोजित कर इन समुदाय के लोगों को योजना से लाभान्वित किया जा रहा है।

इसी कड़ी में सोमवार को ग्राम पंचायत कुटमा, ग्राम पंडरीपानी, गुरम्हाकोना और ग्राम सुतरी आयोजित शिविर में जाति प्रमाण पत्र, आयुष्मान कार्ड  बनाया गया। साथ ही मौके पर ही कई  हाड़ी कोरवा बच्चों को जाति प्रमाण पत्र वितरण किया गया। वही बिरहोर बाहुल्य  ग्राम पंचायत बेहराखार में बिजली व्यवस्था की गई। शिविर में  आयुष्मान, आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र भी बनाया गया। इसके  आलावा  स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से  सिकलसेल, एनसीडी जांच की भी सुविधा मुहैया कराई जा रही है।  इसी तरह सहित अन्य विशेष पिछड़ी जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में भी सिकलसेल,एनसीडी जांच किया गया। साथ ही शिविर के माध्यम से  आयुष्मान कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र बनाया गया। पहाड़ी कोरवा, बिरहोर समुदाय के लोगों के बीच  पहुंच कर अधिकारी-कर्मचारियों ने उनसे जानकारी ले रहे। साथ ही उन्हें जनमन योजना की जानकारी दी जा रही हैं। शिविर में अधिकारी द्वारा आमजनों को  केंद्र शासन की योजना के संबंध में जानकारी देकर जागरुक एवं लाभ लेने प्रेरित किया गया। जिले में विशेष पिछड़ी जनजाति समूहों के लोगों को लाभ दिलाने हेतु प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत प्राथमिकता से कार्य किया जा रहा है।

शिविरों में सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से वंचित एवं पात्र सभी हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है। शिविर में शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा लोगों को विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग हेतु संचालित योजनाओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी जा रही है। साथ ही इन समुदायों से बनाये गए युवा जनमन संगी भी अपने समुदाय के लोगों को जागरूक कर रहे है और योजनाओं की जानकारी  दे रहे हैं। इस पीएम जनमन योजना के तहत पक्के आवासों का निर्माण, सड़कों का प्रबंध, नल से जल और शिक्षा-स्वास्थ्य जैसी जरूरी सुविधाएं शामिल हैं। साथ ही आय़ुष वेलनेस सेंटर स्थापित किया गया हैं, जिनके जरिये मोबाइल मेडिकल यूनिटों की मदद से पीवीटीजी ठिकानों पर आय़ुष सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय पीवीटीजी रिहाइशी इलाकों में कौशल और व्यावसायिक शिक्षा के केंद्र शुरू करेगा ताकि आदिवासी लोगों के लिए रोजगार के साधन बढ़ें।

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