फिर से 35 ट्रेनों को रद्द किया जाना छत्तीसगढ़ की जनता पर अत्याचार – सुशील आनंद शुक्ला

फिर से 35 ट्रेनों को रद्द किया जाना छत्तीसगढ़ की जनता पर अत्याचार – सुशील आनंद शुक्ला

February 25, 2024 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़, रायपुर : प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि राज्य से गुजरने वाली 35 ट्रेनों को रद्द किया जाना जनता क़े साथ अत्याचार है।मोदी सरकार लगातर छत्तीसगढ़ की ट्रेनों को रद्द करवा रही है । घंटो लेट लतीफी भारतीय रेल की पहचान बन गयी है। यह मोदी सरकार की तानाशाही और छत्तीसगढ़ विरोधी रवैया है पिछले 3 साल से अधिक समय से छत्तीसगढ़ की ट्रेनों को बिना किसी ठोस कारण के रद्द किया जाता है वर्तमान में एक बार फिर 18 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया। 40 ट्रेने पहले से रद्द है। यह छत्तीसगढ़ की जनता के साथ नाईसांफी है।  शहडोल मार्ग की 35 यात्री ट्रेनों को  15 दिनों क़े लिए फिर रद्द किया गया है।दिल्ली मार्ग की अधिकांश ट्रेने रद्द है, गोंदिया-बरौनी ट्रेन को रद्द कर दिया गया। सारनाथ और नौतनवा तथा दुर्ग निजामुद्दीन जैसी ट्रेनों को रद्द करने का फरमान जारी हो चुका है। सारनाथ से प्रतिदिन राज्य के सैकड़ो लोग अपने मृत परिजनों की अस्थियां विसर्जित करने प्रयागराज जाते है। ट्रेन रद्द होने के कारण लोगो को परेशान होना पड़ेगा।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि नरेन्द्र मोदी की सरकार देश की सबसे विश्वसनीय यात्री सेवा रेलवे सुविधा को समाप्त करने का साजिश रच रही है। वर्षों से भारतीय रेलवे आम जनता का भरोसेमंद, सस्ता और सुलभ परिवहन का पर्याय हुआ करता था जिसे मोदी राज में रेलवे की विश्वसनीयता को खत्म करके निजी हाथों में बेचने का षड़यंत्र रचा जा रहा है। बिना कोई कारण बताये, बिना किसी ठोस वजह के यात्री ट्रेनों को अचानक रद्द कर दिया जाता है। रेलवे द्वारा यात्री ट्रेनों को महीनों, हफ्तों तक बंद करने का फरमान जारी कर दिया जाता है। महीनों पहले यात्रा की योजना बना कर रिजर्वेशन कराये नागरिकों की परेशानी से रेलवे को और केंद्र सरकार कोई मतलब नहीं रहता है। रेलवे यात्रियों के लिये कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं करती है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि देश की आजादी के बाद ऐसी स्थिति केवल मोदी सरकार में आई है। जहां रेलवे की यात्री सुविधाएं इतनी ज्यादा खस्ताहाल हो गयी है। यात्री ट्रेनों को जानबूझकर रद्द किया जाता है, कभी कोयले के आपूर्ति के नाम पर, कभी कोई और कारण बता कर यह विश्वसनीय यात्री सेवा भारतीय रेल को बदनाम करने की साजिश है ताकि लोग रेलवे से ऊब जाये और रेल को भी मोदी अपने उद्योगपति मित्र अडानी के हवाले कर सके। मोदी सरकार के पहले की केंद्र सरकारें घाटा उठा कर भी रेलवे सुविधाओं का विस्तार करती रही। आजादी के बाद से रेलवे का अलग बजट बनाया जाता था, लेकिन मोदी सरकार रेलवे की यात्री सुविधाओं को समाप्त कर इसे सिर्फ मालवाहक बनाना चाहती है और बाद में रेल को निजी हाथों में सौंपा जा सके इसका रास्ता बना रही है। ऐसा इसलिये कि यात्री ट्रेनों की अपेक्षा माल भाड़े में रेलवे को 300 से 400 प्रतिशत ज्यादा मुनाफा मिलता है।