80 से 85 वर्ष के बुजुर्ग मतदाताओं को डाक मतपत्र से मतदान की सुविधा से वंचित करना निंदनीय है, पहले बुजुर्गो के जमा पर ब्याज में कटौती, फिर रेलवे में मिलने वाली छुट खा गए अब डाक मतपत्र से वंचित करने का षड़यंत्र – सुरेंद्र वर्मा

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समदर्शी न्यूज़, रायपुर : डाक मतपत्र संबंधी नए संशोधन पर आपत्ति दर्ज करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार के इशारे पर बुजुर्ग मतदाताओं को मतदान के अधिकार से वंचित करने का षड्यंत्र रचा गया है। भाजपा के षडयंत्रो के चलते ही आगामी लोकसभा चुनाव में 80 से 85 वर्ष की आयु के मतदाताओं को डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान की सुविधा से वंचित कर दिया गया है। नए नियम के अनुसार आगामी लोकसभा चुनाव में अब केवल 85 वर्ष या उससे अधिक आयु के बुजुर्ग मतदाताओं को ही डाक मतपत्र से मतदान करने की पात्रता होगी। समय के साथ सुविधा बढ़नी चाहिए थी, अपेक्षा थी की 80 से घटाकर 75 वर्ष के बुजुर्गों को भी डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान करने की सुविधा दी जानी  चाहिए थी, लेकिन हुआ उल्टा 80 से बढ़ाकर डाक मतपत्र की सुविधा के लिए पात्रता 85 वर्ष करना बुजुर्ग मतदाताओं से अन्याय है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि जब से मोदी सरकार आई है तब से हर वर्ग को परेशान किया जा रहा है। बुजुर्ग नागरिकों के आय का प्रमुख स्रोत उनके बचत पर मिलने वाला ब्याज होता है। विभिन्न तरह के बचत और फिक्स डिपॉजिट पर मोदी सरकार आने के बाद लगातार कटौती की गयी है। रेल किराए पर बुजुर्गों को जो सब्सिडी मिलती थी मोदी सरकार ने उसको भी खत्म कर दिया है, और अब 80 से 85 वर्ष के बुजुर्ग मतदाताओं को डाक मत पत्र के माध्यम से मिलने वाले मतदान के अधिकार से वंचित करना बुजुर्गो के प्रति अन्याय है। जन आक्रोश और एंटी इनकंबेंसी से घबराई मोदी सरकार देश के बुजुर्गों को मतदान के अधिकार से वंचित करना चाहती हैं। कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि डाक मतपत्र की सुविधा के लिए पात्रता 85 वर्ष से घटाकर 75 वर्ष किया जाए।

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