समदर्शी न्यूज़, जशपुर : डाइट जशपुर एवं अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस माह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर डाइट के प्राचार्य एम. जेड. यू. सिद्दीकी, उप प्रचार्य श्रीमती संगीता भोय, डाइट के स्टाफ उषा किरण तिर्की, एस डाहिरे, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के डॉ. मुकेश, एवं सुश्री श्वेता उपस्थित थे।
इस अवसर पर प्राचार्य सिद्दीकी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस माह अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के द्वारा मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस क्यों और किस आधार पर मनाया जाता है। वीरांगना रानी दुर्गावती, महारानी लक्ष्मी बाई, श्रीलंका की राष्ट्रपति भंडारके, इंदिरा गाँधी, राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, जैसे अनेक महिलाओं के बारे मे बताकर समाज में महिलाओं का उपलब्धि पर प्रकाश डाला।
एक महिला सफल होती है तो दो परिवारों को सफल बनाती है। शुरुआत घर से होती है परिवार मे माँ और बहन को देख कर उनका महत्व समझ सकते है उनका त्याग और समर्पण आपको नई दिशा दे सकता है। नारी को महत्व देने की परम्परा या आदत की शुरुआत अपने घर से करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं राजनीतिक, आर्थिक, शैक्षणिक एवं सामाजिक क्षेत्र मे आगे बढ़ रही है और नई दिशा दे रही है।
उप प्राचार्य संगीता भोय ने महिला दिवस के संदर्भ मे उन्होंने कहा कि आज समाज मे उन महिलाओं पर बात होगी जिन्होंने समाज मे विशेष योगदान दिया है. महिला जननी है और उनका स्थान देवी का स्थान है इसलिए इनका सम्मान आवश्यक है। माँ का महत्व सभी जानते है इसलिए उनका सम्मान कितना हो यह आप सभी पर निर्भर है। स्त्री समर्पित करने वाली होती है. नारी नदी के सामान होती है संघर्ष करते हुए समाज को नई दिशा देती है उन्होंने कविता के माध्यम से महिला के महत्व को समझाया।
डॉ मुकेश ने कहा की जीवन के विकास मे व्यवहार का अनुसरण कर कैसे उसे अमलीजामा पहुंचे इस दिशा मे आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि 21 वीं शदी की पीढ़ियों के लिए आवश्यक है की सोंच मे हम कितना परिवर्तन ला सकते है कितने विवेक सम्मत रूप से आप सोंच को रखते है यह महत्वपूर्ण है. उन्होंने इस अवसर पर महिलाओं के अधिकारों के बारे में विस्तार से बताया। उषा किरण तिर्की ने समाज मे महिलाओं की भूमिका एवं महत्व पर प्रकाश डाला।