एचएनएलयू और छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा नए आपराधिक कानूनों पर तीन दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम की श्रृंखला का दूसरा चरण, विचार-विमर्श के साथ सफलतापूर्वक किया गया संपन्न

Advertisements
Advertisements

समदर्शी न्यूज़, रायपुर : एचएनएलयू एवं छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग का 27 से 29 मई 2024 तक चली नए आपराधिक कानूनों पर तीन दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम की श्रृंखला का दूसरा चरण विचार-विमर्श के साथ सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन सत्र 27 तारीख को हुआ, जिसमें चेन्नई से उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश माननीय न्यायमूर्ति पी एन प्रकाश मुख्य अतिथि थे और तकनीकी सत्र की में वक्ता  रहे। साथ ही नए आपराधिक कानूनों की मसौदा समिति के पूर्व अध्यक्ष और एचएनएलयू में प्रतिष्ठित न्यायविद प्रोफेसर रणबीर सिंह सम्मानित अतिथि के रूप में मौजूद थे।

अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में, एचएनएलयू के कुलपति प्रोफेसर वी.सी. विवेकानंदन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि नए कानून पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य पर जोर देने के साथ तैयार किए गए हैं। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि सभी नई पहल एक समय पर शुरू होनी चाहिए और कानूनों के कार्यान्वयन के परिचालन अनुभव के आधार पर सुव्यवस्थित हो जाएंगी।

सम्मानित अतिथि, प्रोफेसर (डॉ.) रणबीर सिंह ने आपराधिक कानून में बदलाव की आवश्यकता को रेखांकित किया और प्रवर्तन अधिकारियों की बहुमुखी भूमिका पर जोर दिया, जिन्हें अब टेक्नोक्रेट और सामाजिक रूप से संवेदनशील एजेंट दोनों के रूप में कार्य करना चाहिए।

न्यायमूर्ति पी एन प्रकाश ने अपने संबोधन में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों और पुलिस बलों के बीच सहयोग के महत्व के बारे में बात की। उन्होंने नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन के शुरुआती चरणों में कार्यान्वयन के लिए आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला और क्षमता निर्माण अभ्यास में एक प्रमुख कदम के रूप में प्रशिक्षण कार्यक्रम की व्यापक संरचना की सराहना की।

इससे पहले, छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक, श्री अशोक जुनेजा (आईपीएस) ने सभा का स्वागत किया और कहा कि गृह मंत्रालय ने इस तरह के, भारत में अपनी तरह का पहला इस तरह का सुव्यवस्थित और विस्तृत प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस और एचएनएलयू के प्रयासों को मान्यता दी है और उनकी सराहना की है। एचएनएलयू के प्रभारी रजिस्ट्रार डॉ. विपन कुमार ने रिसोर्स पर्सन्स को धन्यवाद दिया।

इस तीन दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे चरण में डीआइजी और एसपी शामिल हुए, इसके बाद तीसरे चरण में 5-दिवसीय कार्यक्रमों के मॉड्यूल के माध्यम से पुलिस बल के 6 बैचों का प्रशिक्षण शामिल है। इस पहल का लक्ष्य लगभग 1000 वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित करना है। कार्यक्रम को एचएनएलयू में सेंटर फॉर कम्पेरेटिव लॉ (स्कूल फॉर लॉ एंड गवर्नेंस) और सेंटर फॉर लॉ एंड फोरेंसिक (स्कूल फॉर लॉ एंड टेक्नोलॉजी) द्वारा डिजाइन और समन्वित किया गया है। एचएनएलयू के फैकल्टी डॉ. पंकज उंबारकर और श्री अभिनव के शुक्ला इस कार्यक्रम के संयोजक हैं।

तीन दिवसीय कार्यक्रम में मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और भारत के सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता न्यायमूर्ति पी एन प्रकाश; डॉ. नीरज तिवारी, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली में सहायक प्रोफेसर, आपराधिक कानून सुधार के लिए मसौदा समिति के सदस्य और गृह मंत्रालय, भारत सरकार में वरिष्ठ सलाहकार; श्री राघवेंद्र श्रीवत्स, सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता; श्री श्रीनिवास राव, हरनहल्ली लॉ पार्टनर्स, बेंगलुरु के वरिष्ठ पार्टनर; और श्री अमित पई, सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड आदि जैसे प्रतिष्ठित वक्ता शामिल हुए कार्यक्रम का समापन 29 मई 2024 को हुआ।

Advertisements
Advertisements
error: Content is protected !!