आंधी-तूफान से बाधित बिजली आपूर्ति बहाल करने रायगढ़ में युद्धस्तरीय उपाय : 100 पेड़, 73 खंभे, 50 से अधिक फीडर, लाइनें हुए थे ध्वस्त

समदर्शी न्यूज़, रायपुर : 1 जून तथा 2 जून की शाम रायगढ़ में आए आँधी-तूफान-बारिश की वजह से विद्युत वितरण तंत्र को काफी नुकसान पहुंचा। इस प्राकृतिक आपदा में 100 से अधिक पेड़ गिरे, 73 बिजली के खंभे गिरे, तार टूटे, ट्रांसफॉर्मर जले, जिसके कारण विद्युत आपूर्ति प्रभावित हुई। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी रायगढ़ क्षेत्र के अधिकारियों-कर्मचारियों ने 2 दिन-रात जागकर विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार जल्दी से जल्दी विद्युत आपूर्ति बहाली हेतु कार्य किया गया जिसके लिए उन्होंने विद्युत कर्मियों की सराहना की है वहीं धैर्य रखने के लिए आम जनता को धन्यवाद प्रेषित किया है।

1 जून की देर शाम करीब 7ः30 बजे रायगढ़ में बहुत तेज आँधी-तूफान के साथ बारिश शुरू हो गई। इस आंधी-तूफान में बिजली लाइन के ऊपर 100 से अधिक पेड़ गिर गए, जिसके कारण उपकेंद्रों से लेकर डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर तक प्रभावित हुए। 33 के.व्ही. के 8 फीडरों में से 5, 11 के.व्ही. के 59 फीडरों में से 45, 200 के.व्ही.ए. के 2 तथा 100 के.व्ही.ए. का 6 ट्रांसफॉर्मर और 1 नग 5 डट। पॉवर ट्रांसफॉर्मर ठप्प हो गए। जगह-जगह केबल जलने की घटनाएं हुई। वितरण कंपनी के रायगढ़ क्षेत्र में व्यवधान शुरू होने के समय रात होने के कारण मात्र 35 तकनीकी कर्मचारी ही उपलब्ध हुए, क्योंकि ग्रामीण अंचलों में जा चुके लोगों का आँधी-बारिश में लौटना संभव नहीं था, फिर भी इन 3 दर्जन लाइन स्टॉफ के साथ अधिकारियों के दल ने तत्काल मोर्चा संभाला और आधे घंटे के भीतर ही सुधार और विद्युत आपूर्ति बहाली का काम शुरू कर दिया। जिससे पूरे शहर में ब्लैक-आउट जैसी स्थिति नहीं बन पाई। दूसरे दिन यथासंभव अधिक मानव संसाधन का इंतजाम किया गया, जिससे करीब 70 लोग मरम्मत और बहाली के काम में जुट गए लेकिन 2 जून की शाम को पुनः आँधी-तूफान-बारिश के कारण 33 के.व्ही. से लेकर 11 के व्ही. के आधा दर्जन फीडर फिर बंद हो गए। लाइन से पेड़ों को हटाने तथा झुके हुए एल.टी. खंभों को दुरूस्त करने में स्वाभाविक रूप से जो समय लगता है उससे बहुत कम समय में यह सब कार्य किए गए। इस दौरान 4000 से अधिक शिकायतें दर्ज हुई जिसका निराकरण किया गया, वहीं बड़े सुधार कार्यों की वजह से इससे कई गुना अधिक लोगों को राहत पहुंचाई गई। 

घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने तत्काल सुधार कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिये थे। स्थानीय विधायक तथा राज्य शासन के वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने प्राकृतिक आपदा के कारण उत्पन्न परिस्थिति में एक ओर जहां आम जनता को धैर्य रखने की विनम्र अपील की वहीं विद्युत कर्मियों को भी कठिन परिस्थितियों में तेजी से कार्य करने के लिए उनका मनोबल बढ़ाया। जिला कलेक्टर श्री कार्तिकेय गोयल द्वारा विद्युत कंपनी की टीम के निरंतर संपर्क में रहकर कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस तरह प्राकृतिक आपदा के कारण हुए विद्युत अवरोध को अतिशीघ्र दूर करने में सफलता मिली।

चुनौतीपूर्ण स्थितियों में जोखिम उठाने वाले विद्युत कर्मियों का मनोबल बढ़ाएं…..

छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत पारेषण तथा वितरण कंपनी के एम.डी. श्री राजेश कुमार शुक्ला ने बताया कि प्रदेश के ऊर्जा सचिव तथा छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कंपनियों के अध्यक्ष श्री पी. दयानंद द्वारा राज्य मुख्यालय स्तर पर लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है। उल्लेखनीय है कि विद्युत का पारेषण तथा वितरण तंत्र खुले में रहता है, जिसके कारण इस पर प्राकृतिक आपदा का, तेज आँधी-तूफान, बिजली चमकने-गिरने, बहुत तेज बारिश होने का असर होता है। बिजली के करंट से जनहानि बचाने के लिए ऑटोमेटिक ट्रिपिंग की व्यवस्था भी होती है इसलिए ऐसे समय में विद्युत उपभोक्ताओं का धैर्य ही सुधार कार्य करने वालों का संबल होता है। विद्युत कंपनी प्रशासन ने जनता से यह अपील की है कि किसी भी स्थान पर ऐसी परिस्थितियों में धैर्य रखें क्योंकि सुधार तथा आपूर्ति बहाली का कार्य मानवीय श्रम से ही संभव होता है। विद्युत कंपनी प्रशासन ने आम जनता से निवेदन किया है कि आपदा से निपटने तथा विद्युत आपूर्ति सामान्य करने में विद्युत कर्मियों को सहयोग प्रदान करें। विद्युत संचालन-संधारण की कार्यदशाओं और विपरीत मौसम में होने वाले जोखिम को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए ताकि चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में कार्य करने के लिए उनका मनोबल बना रहे।

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