जशपुर ट्रेजरी की ओर से दी गई जिले भर के डीडीओ को जानकारी, बिल सिस्टम में बदलाव, ट्रेजरी में केवल ऑनलाइन होगा जमा
June 14, 2024सभी विभागों में स्पीड नेटवर्क, समुचित क्षमता वाला स्केनर होना जरुरी, दी गई सूचना देयक तैयार करने मेकर बिल क्लर्क पर चेकर डीडीओ स्तर रखा गया है, इसका होगा परीक्षण
समदर्शी न्यूज़, जशपुर : अब कोषालय एवं उप कोषालयों में देयकों का प्रस्तुतीकरण सिर्फ ऑनलाइन माध्यम से किया जाएगा। याने मेनूअली कोई बिल जमा नहीं होगा, इसके लिए वरिष्ठ कोषालय अधिकारी जिले के समस्त आहरण एवं संवितरण अधिकारियों को सूचना दे दिया है।
इस प्रक्रिया के सुचारू रूप से संचालन के लिए सभी आहरण एवं संवितरण अधिकारियों सेल्फ डीडीओ को छोड़कर के पास नेटवर्क की सही स्पीड, देयकों के साथ अपलोड किए जाने वाले दस्तावेज की स्केनिंग करने के लिए समुचित क्षमता वाला स्केनर तथा अन्य आवश्यक इलेक्ट्रानिक सामग्री उपलब्ध हो। साथ ही साथ वैध डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट (डीएससी) भी आवश्यक होगा। कोषालय एवं उप कोषालयों में देयक प्रस्तुत करने की प्रक्रिया इस तरह से किया जा सकता है। इसमें आहरण एवं संवितरण अधिकारी द्वारा ई-कोष सॉफ्टवेयर में ई-पेरोल तथा ई-बिल मॉड्यूल में ऑनलाईन माध्यम से देयक तैयार किए जायेंगे तथा डीएससी का उपयोग करने के बाद देयकों को कोषालय को अग्रेषित किया जाएगा। ई- पेरोल में सिस्टम से जनरेटेड होने वाले शेड्यूल में प्रत्येक में डीएससी तथा ई-बिल में एक डीएससी आवश्यक होगा। यदि पे-बिल के साथ कोई डॉक्यूमेंट अपलोड किया जाना है, तो साइन्ड डाक्यूमेंट पीडीएफ फॉर्मेट में अपलोड किया जाएगा, जिसमें डीएससी आवश्यक नहीं होगा। देयकों को तैयार करने के लिए मेकर बिल क्लर्क स्तर पर चेकर डीडीओ स्तर रखा गया है, जिसमें मेकर (बिल क्लर्क) द्वारा देयक तैयार कर चेक लिस्ट का परीक्षण किया जाएगा तथा चेकर (डीडीओ) द्वारा बीटीआर नं. बिल का परीक्षण तथा डीएससी किया जाएगा। कोषालय अधिकारी द्वारा संबंधित डीडीओ के लिए ऑनलाइन बीटीआर नंबर जारी किया जाएगा। इसी नंबर अनुसार देयक कोषालय में अग्रेषित किए जायेंगे। सभी डीडीओ द्वारा ऑनलाईन देयक की एक हार्डकापी निकालकर कार्यालय स्तर पर संधारित की जाएगी।
सिस्टम में किया जाएगा दस्तावेज अपलोड
ई-पेरोल के अलावा अन्य सभी देयकों के लिए देयक में एक डीएससी तथा सभी संलग्नक उप प्रमाणक को स्कैनिंग कर अपलोड किया जाना होगा। इसमें डीएससी अनिवार्य नहीं होगा। यदि एक फाइल का साईज 5 एमबी से अधिक है तो फाइल साइज को कम्प्रेस कर अपलोड किया जाना होगा, कम्प्रेस करने हेतु ऑनलाईन उपलब्ध किसी सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा सकता है। अथवा देयकों की संख्या में वृद्धि की जा सकती है। सभी अटेचमेंट पीडीएफ फार्मेट में ही अपलोड किया जाना आवश्यक होगा।