जिले के थाना जूटमिल में नवीन आपराधिक कानून की धाराओं के अंतर्गत दर्ज किया गया पहला अपराध…भारतीय न्याय संहिता की धाराओं में एक्सीडेंट करने वाले बाइक चालक पर अपराध हुआ दर्ज…..!

लैलूंगा और कापू में आकस्मिक मृत्यु की सूचना पर धारा 194 बीएनएसएस (BNSS ) के अंतर्गत दर्ज किया गया मर्ग प्रकरण.

पुसौर पुलिस ने घर पर उत्पात मचाने वाले युवक की शिकायत पर की बीएनएसएस (BNSS ) के अंतर्गत प्रतिबंधात्मक कार्यवाही.

समदर्शी न्यूज़ – रायगढ़ : 01 जुलाई 2024 से लागू नवीन आपराधिक कानून की धाराओं के अंतर्गत रायगढ़ जिले के थाना जूटमिल में प्रथम अपराधिक मामला सड़क दुर्घटना का दर्ज किया गया है। प्रकरण के संबंध में पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आज सुबह रिपोर्टकर्ता सुनील भास्कर पिता जवाहर भास्कर निवासी सरसिंवा जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ हाल मुकाम छोटे भंडार पुसौर द्वारा थाना जूटमिल में उसके रिश्तेदार (साढू) सुभाष नारंग निवासी ग्राम रामभांठा सरसिंवा के एक्सीडेंट की जानकारी देकर रिपोर्ट दर्ज कराई गई।

रिपोर्टकर्ता ने बताया कि सुबह इसकी साली प्रीति नारंग मोबाइल पर कॉल कर बताई थी कि आज सुबह अपने पति सुभाष नारंग, बच्चों के साथ मोटर साइकिल में गांव से रायगढ़ आ रहे थे। कोड़ातराई और पटेलपाली के मध्य सुबह करीब  07:15 बजे सामने से आ रहे एक एचएफ डीलक्स मोटर सायकल के चालक द्वारा तेज और लापरवाही से चलाते हुए सामने से ठोंकर मार कर भाग गया, जिससे तीनों बाइक सहित नीचे गिर गए। दुर्घटना से पति (सुभाष नारंग) को चोटें आई है, जिन्हें आर.एल. अग्रवाल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। थाना जूटमिल में दुर्घटना कारित करने वाले आरोपी एचएफ डीलक्स मोटर साइकिल के चालक पर अपराध क्रमांक 314/2024 धारा 281, 125(ए) भारतीय न्याय संहिता 2023 के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। पूर्व में सड़क दुर्घटना के इस अपराध में भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता धारा 279, 337 के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया जाता था।

इसी प्रकार पूर्व में आकस्मिक मौत की मृत्यु की सूचना पर धारा 174 सीआरपीसी के अंतर्गत मर्ग पंजीबद्ध किए जाते थे। आज थाना लैलूंगा और कापू में आकस्मिक मौत की सूचना पर धारा 194 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) के अंतर्गत मर्ग कायम कर जांच कार्यवाही में लिया गया हैl वहीं घरेलू मारपीट झगड़ा की शिकायत पर थाना प्रभारी पुसौर द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 170, 126, 135(3) के अंतर्गत अनावेदक के विरुद्ध प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गई है, जिसे पूर्व में धारा 151, 107, 116 (3) सीआरपीसी के अंतर्गत की जाती थी ।

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