फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता को समाप्त करने और पर्यावरण पर जागरूकता के साथ ही प्रकृति का संरक्षण संभव है – विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह

फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता को समाप्त करने और पर्यावरण पर जागरूकता के साथ ही प्रकृति का संरक्षण संभव है – विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह

July 5, 2024 Off By Samdarshi News

छत्तीसगढ़ विधानसभा में शासन और यूनिसेफ के संयुक्त प्रयास से आयोजित हुआ युवा गोठ का मॉक सदन

विधानसभा अध्यक्ष माननीय डॉ रमन सिंह और वन मंत्री केदार कश्यप रहे मौजूद

पर्यावरण परिवर्तन के विषय पर युवाओं ने पक्ष-विपक्ष के तौर पर रहे अपने विचार

समदर्शी न्यूज़, रायपुर | आज छत्तीसगढ़ विधानसभा परिसर स्थित ऑडिटोरियम में प्रदेश सरकार, यूनिसेफ और नेहरू युवा केंद्र के संयुक्त प्रयास से युवा गोठ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में 146 विकासखंडों से आए 150 युवा प्रतिनिधियों, जिसमें विशेष रूप से बस्तर संभाग के युवाओं ने भागीदारी की। उन्होंने जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा उत्पादन और पर्यावरण संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सदन का प्रारूप बनाकर चर्चा की। इस चर्चा के उपरांत श्रीकांत पांडे, स्टेट डायरेक्टर, नेहरू युवा केंद्र ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा डॉ रमन सिंह जी ने मुख्यमंत्री रहते हुए डेढ़ दशक के कार्यों का विशेष रूप से उल्लेख किया गया। भाजपा की डेढ़ दशक की सरकार में जब तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने युवाओं पर विशेष ध्यान दिया और कौशल उन्नयन के लिए कानून बनाकर संवैधानिक अधिकार दिया था। इसके साथ ही प्राकृतिक संरक्षण की दिशा में राज्य निर्माण के बाद से ही वृक्षारोपण की पहल और वनांचलों के बेहतर रखरखाव के लिए भी भाजपा सरकार ने अपना दायित्व निभाया था। इस संबोधन के बाद विभिन्न क्षेत्रों में सक्रीय 16 युवा मितानों को पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता के प्रति जागरूकता जैसे महत्वपूर्ण कार्यों के लिए अतिथियों द्वारा पुरुस्कृत किया गया और विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने युवा गोठ का वीडियो लांच किया।

इसके उपरांत छत्तीसगढ़ शासन के कैबिनेट मंत्री श्री केदार कश्यप ने अपना संबोधन किया जिसमें उन्होंने प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण के लिए शासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए प्रकृति के संरक्षण और जलवायु के महत्व पर युवाओं को संबोधित किया और युवा गोठ के इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए सभी युवाओं को शुभकामनाएं दी। उन्होंने बताया कि किस प्रकार माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में “एक पेड़ मां के नाम” अभियान पूरे देश में संचालित हो रहा है और हर नागरिक इस अभियान से जुड़कर प्रकृति और पर्यावरण के प्रति जागरूक हो रहा है। प्रदेश और देश में बढ़ते तापमान और छत्तीसगढ़ के पर्यावरण संवर्धन की दिशा में जन-जागरूकता प्रसारित कर रहे यूनिसेफ, नेहरू युवा केंद्र के युवा साथियों के योगदान के लिए उन्होंने आभार प्रकट करते हुए ऐसे आयोजनों को समाज और पर्यावरण की दिशा में महत्वपूर्ण बताया।

कार्यक्रम में आगे मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने अपना प्रेरक संबोधन दिया उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के युवा संसदीय प्रक्रिया के अनुरूप पर्यावरण परिवर्तन और जलवायु संरक्षण जैसी राष्ट्रव्यापी समस्या पर इस कार्यक्रम में चर्चा कर रहे हैं, यह न केवल युवा विचारधारा को दिखाता है बल्कि यह भी प्रदर्शित करता है कि छत्तीसगढ़ का भविष्य कितना सजग, जागरूक और प्रकृति को लेकर संवेदनशील है।

उन्होंने कहा कि जब प्रकृति में मौजूद पंच महाभूत का संतुलन बिगड़ जाता है, तब प्रकृति का विकराल स्वरूप दिखाई देता है। आज पूरी दुनिया में पर्यावरण संरक्षण और वृक्षारोपण को लेकर एक चिंताजनक स्थिति बन गई है तब इसके पीछे एक सबसे बड़ी वजह यह है कि कोविड के दौर में हिंदुस्तान के साथ-साथ पूरी दुनिया को यह मालूम हुआ कि ऑक्सीजन जोकि प्रकृति हमें बिना किसी शुल्क के उपलब्ध करवाती है, उसकी कीमत कितनी ज्यादा होती है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने आगे कहा कि हमारे शरीर का 50-70%  हिस्सा पानी का हिस्सा होता है, पृथ्वी पर चारों दिशा में पानी दिखाई पड़ता है लेकिन इसमें 97% पानी समुन्द्र का खारा पानी है जो पीने योग्य नहीं है, शेष बचे 3% पानी में 2.5% पानी ग्लेशियर में जमा हुआ है जिससे पिघलकर नदियाँ बनती हैं और भूमि को सिंचित रखती हैं। पूरी पृथ्वी पर मौजूद पानी का केवल 0.5% पानी ही पीने योग्य और मानव उपयोग के लिए है।

जिस प्रकार अभी दिल्ली का तापमान 52 से ऊपर हो गया था, इतनी भीषण गर्मी कभी नहीं पड़ी थी जो इस बार दिल्लीवासियों को झेलनी पड़ी है, कभी बेमौसम बरसात और कभी फसलों को मौसम में पानी न मिल पाना यह पर्यावरण परिवर्तन के स्पष्ट संकेत अब दिखाई देने लगे हैं। जब जंगलों की हद से ज्यादा कटाई होगी तब पेड़ नहीं होंगे फिर मानसून के बादलों को रुकने का कोई उपाय नहीं होगा। आगे डॉ रमन सिंह ने कहा कि आज हम भले ही ऑक्सीजन की कमी और ओजोन लेयर में हुए दुष्प्रभाव की बात करते हैं लेकिन इसकी वास्तविक वजह हम मानव जाति ही हैं। अब इस विषय की गंभीरता से समझकर यूनिसेफ, नेहरू युवा केंद्र और सरकार संयुक्त रूप से व्यापक तौर पर वृक्षारोपण के कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहे हैं। इसके साथ ही जल-संवर्धन के लिए हर घर से प्रयास करने की आवश्यकता है, उन्होंने अपने दूर दशक के राजनीतिक जीवन का अनुभव साझा करते हुए बताया कि पहले छत्तीसगढ़ में 80 फिट के बोरवेल में पानी मिल जाता था और 40 फिट के कुएं में पानी आ जाता था लेकिन अभी स्थिति ऐसी निर्मित हो गई है कि 400 फीट गड्ढा करने पर भी पानी नहीं मिलता है। उन्होंने जलस्तर नीचे जाने के सबसे बड़ा नुकसान में शाल के पेड़ का उदहारण देते हुए कहा कि इससे पूरी प्रकृति का संतुलन खराब हो जाता है जो शाल और महुआ के पेड़ 25 से 30 फीट नीचे जाकर पानी प्राप्त करते थे, अब उन पेड़ों की जल आपूर्ति नहीं होने की वजह से जंगल सूख रहे हैं।

आगे विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने कहा कि आज दुनिया की सबसे बड़ी बैठकों में, अलग-अलग देशों के सारे बड़े नेता जब चर्चा करते हैं तब पहला और सबसे महत्त्वपूर्ण विषय क्लाइमेट चेंज और कार्बन उत्सर्जन होता है। ऊर्जा के उपयोग को लेकर उन्होंने आगे कहा कि फॉसिल फ्यूल में कोयले का उपयोग प्रकृति में कार्बन उत्सर्जन का सबसे बड़ा कारण बन रहा है। अब हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2070 तक कार्बन उत्सर्जन की दिशा में नेट जीरो हासिल करने का लक्ष्य रखा है जिसके लिए नॉन फॉसिल फ्यूल (सौर-ऊर्जा, जल से ऊर्जा प्लांट, वायु-ऊर्जा) को प्राथमिकता दे रहे हैं। अब भारत ने यह लक्ष्य रखा है कि नॉन फॉसिल फ्यूल के उपयोग को 10.5% से बढाकर 50% तक ले जाना है। अंत में उन्होंने बस्तर का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारे बस्तर के आदिवासी सबसे अधिक बुद्धिमान है कि उन्होंने कभी भी प्रकृति का साथ नहीं छोड़ा वह जंगलों में इसीलिए रहते हैं क्योंकि वहां उन्हें प्रकृति के साथ शुद्ध वातावरण मिलता है उन्हें कभी ऑक्सीजन खरीदने की आवश्यकता नहीं पड़ती। इसके उपरांत उन्होंने इस कार्यक्रम में आये युवाओं को अपनी शुभकामनायें व्यक्त करते हुए कहा कि आप सभी विधानसभा के हॉल तक आये हैं और ऐसे ही प्रकृति और पर्यावरण के प्रति सजग विचारों को लेकर सदन तक भी पहुंचे। इस कार्यक्रम में केदार कश्यप, वन एवं जल संसाधन मंत्री (छ:ग शासन), दिनेश शर्मा, सचिव विधानसभा, श्रीकांत पांडे, स्टेट डायरेक्टर, नेहरू युवा केंद्र, विलियम जूनियर, यूनिसेफ चीफ (उड़ीसा और छत्तीसगढ़), सुश्री श्वेता पटनायक, WASH एवं विशेषज्ञ पर्यावरण परिवर्तन (यूनिसेफ) और नेहरु युवा केंद्र व यूनिसेफ समेत विधानसभा सचिवालय के अधिकारी-कर्मचारी और गणमान्यजन उपस्थित रहे।