हिस्टेरोस्कोपी के हैंड्स ऑन लाइव वर्कशॉप में डॉक्टरों ने 45 वर्षीय महिला के बच्चादानी के मुख से निकाला टेनिस बाल के आकार का ट्यूमर

Advertisements
Advertisements

प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग द्वारा हिस्टेरोस्कोपी एवं लेप्रोस्कोपिक सर्जरी पर आयोजित दो दिवसीय लाइव वर्कशॉप के पहले दिन एक के बाद एक कुल छः महिला मरीजों की लाइव सर्जरी कर दिया हिस्टेरोस्कोपी का प्रशिक्षण

कल विशेष रूप से लेप्रोस्कोपिक सर्जरी पर आधारित होगा वर्कशॉप

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग द्वारा चिकित्सा महाविद्यालय के हीरक जयंती पर आयोजित हैंड्स ऑन लाइव हिस्टेरोस्कोपी एवं लेप्रोस्कोपिक सर्जरी वर्कशॉप के पहले दिन शुक्रवार को पुणे से आये विशेषज्ञ डॉ. विनायक महाजन ने गर्भाशय की विभिन्न समस्याओं से पीड़ित महिलाओं की लाइव सर्जरी कर प्रतिभागियों को हिस्टेरोस्कोपी का लाइव प्रशिक्षण दिया। डॉ. विनायक महाजन के साथ प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. ज्योति जायसवाल, डाॅ रुचि किशोर गुप्ता एवं टीम ने ऑपरेशन थियेटर में मरीजों की जीवंत सर्जरी की और वर्कशॉप में भाग ले रहे प्रतिभागियों ने इसका सीधा प्रसारण इमोक हाल के प्रोजेक्टर पर देखा।

कार्यशाला के पहले दिन उद्घाटन सत्र में चिकित्सालय महाविद्यालय की भूतपूर्व अधिष्ठाता एवं वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. आभा सिंह, चिकित्सा महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. तृप्ति नागरिया, अस्पताल अधीक्षक डाॅ. एस. बी. एस. नेताम ने अति विशिष्ट अतिथि के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कर सभी डॉक्टरों की हौसलाअफज़ाई की। वहीं विशिष्ट अतिथि के तौर पर छत्तीसगढ  गायनी एंडोस्कोपी के अध्यक्ष डॉ. मनोज चेलानी एवं श्री बालाजी मेडिकल इंस्टीट्यूट के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. देवेन्द्र नायक उपस्थित थे।

लाइव हिस्टेरोस्कोपी सर्जरी के संबंध में जानकारी देते हुए डॉ. ज्योति जायसवाल ने बताया कि आज कई प्रकार की हिस्टेरोस्कोपी सर्जरी की गयी। बच्चेदानी के मुख के कैंसर की इलाज करवा रही एक महिला की भी हिस्टेरोस्कोपी सर्जरी की गई जिसमें उसके गर्भाशय से टेनिस बाल के आकार का एकदम कठोर ट्यूमर (गोला) निकाला गया। यह सर्जरी बहुत जटिल थी क्योंकि महिला पहले से ही रेडिएशन थेरेपी ले चुकी थी। उसके बाद 30 एवं 37 वर्षीय दो महिलाओं के गर्भाशय के फाइब्राइड एवं पॉलिप की सर्जरी की गई। ये दोनों महिलाएं फाइब्राइड के कारण कम उम्र में ही गर्भधारण करने में असमर्थ थीं।

वर्कशॉप में शामिल स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. आभा डहरवाल, डॉ. रूचि किशोर गुप्ता, डॉ. अंजुम, डॉ. सुमा ने बताया कि हिस्टेरोस्कोपी एक न्यूनतम इनवेसिव चिकित्सा प्रक्रिया है जिसमें प्रकाश और कैमरे से सुसज्जित हिस्टेरोस्कोप नामक एक पतले उपकरण का उपयोग करके, डॉक्टर गर्भाशय की परत को देख सकते हैं और बीमारी की जांच एवं पहचान कर सकते हैं। यह प्रक्रिया आमतौर पर असामान्य रक्तस्राव, बांझपन या गर्भाशय संबंधी अन्य समस्याओं की जांच एवं उपचार में अपनाई जाती है। इसे योनि के माध्यम से गर्भाशय ग्रीवा में सावधानीपूर्वक डालकर गर्भाशय तक पहुंचा जाता हैै। अंदर पहुंचकर हिस्टेरोस्कोप में लगा कैमरा गर्भाशय के अंदर की लाइव इमेज एवं वीडियो ऑपरेशन थियेटर में लगे मॉनिटर पर भेजता है।

हैंड्स ऑन वर्कशॉप में प्रशिक्षण देने के लिए पुणे से डॉ. विनायक महाजन एवं मुंबई से डॉ. अमय पदमवार आए हैं। इस कार्यशाला का आयोजन अधिष्ठाता चिकित्सा महाविद्यालय डॉ. तृप्ति नागरिया के मार्गदर्शन में डॉ. ज्योति जायसवाल (विभागाध्यक्ष प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग) द्वारा किया जा गया है। वहीं आयोजक सचिव डॉ. रुचि किशोर गुप्ता एवं कोषाध्यक्ष डॉ. अंजुम हैं।

Advertisements
Advertisements
error: Content is protected !!