मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय : श्रवण यंत्र से दो जिंदगियां बदली, मुख्यमंत्री की पहल से सुनने की समस्या से मिले निजात

मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय : श्रवण यंत्र से दो जिंदगियां बदली, मुख्यमंत्री की पहल से सुनने की समस्या से मिले निजात

August 10, 2024 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़ जशपुर, 10 अगस्त 2024/ मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय  ग्राम पंचायत बगिया में आज दो जरूरतमंदों को श्रवण यंत्र प्रदाय किया गया। तहसील फरसाबहार की श्रीमती सुमित्रा यादव कान से कम सुनाई देने और ग्राम टाटीडांड़, तहसील कांसाबेल के श्री लालजीत भगत श्रवण यंत्र की मांग को लेकर  मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में आवेदन किया। कैंप कार्यालय में उनकी समस्या का तत्काल संज्ञान लेते हुए  श्रवण यंत्र दिया गया। श्रवण यंत्र मिलने पर उन्होंने  अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा की अब उन्हें सुनने में कोई परेशानी नहीं होती है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के द्वारा आम लोगों की समस्या के समाधान के लिए खोले गए मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय किसी वरदान से कम नहीं है।

तहसील फरसाबहार की श्रीमती सुमित्रा यादव जन्म से कान से कम सुनाई देने की समस्या से पीड़ित थी। उससे उन्हें अपने दैनिक जीवन के क्रियाकलापों  में काफी परेशानी होती थी। वे अपनी इस समस्या के समाधान के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय कैंप पहुंची। कैंप कार्यालय में उनकी समस्या का तत्काल संज्ञान लेते हुए उन्हें श्रवण यंत्र प्रदान किया गया। श्रवण यंत्र मिलने से अपनी खुशी जाहिर करते हुए वे बताती हैं कि उन्हें अब सुनने में कोई परेशानी नहीं होती है।

इसी तरह ग्राम टाटीडांड़, तहसील कांसाबेल के लालजीत भगत मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में श्रवण यंत्र मिलने से काफी खुश हैं। वे बताते  हैं कि उनका पहले का श्रवण यंत्र खराब हो गया था। जिसे उन्हें फिर से सुनाई देना बंद हो गया था। श्रवण यंत्र के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में आवेदन किया। कैंप कार्यालय में उनकी समस्या को संज्ञान लेते हुए तुरंत श्रवण यंत्र दिया गया है। श्रवण यंत्र मिलने पर वे अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहते हैं की  अब उन्हें सुनने में कोई परेशानी नहीं होती है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है।

ग्राम बगिया स्थित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय उम्मीदों का नया आशियाना बनता जा रहा है। यहां बहुत उम्मीद के साथ आम लोग अपनी समस्याओं को लेकर रोजाना पहुंच रहे हैं। कैंप कार्यालय में उनकी समस्याओं को न केवल गंभीरतापूर्वक सुना जा रहा है, बल्कि उनका यथोचित सामाधान भी किया जा रहा है।