कंवरधाम श्रीकृष्ण राधा मंदिर : विश्व शांति और सौहार्द्र का प्रतीक है जन्माष्टमी महापर्व – श्रीमती कौशल्या साय

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समदर्शी न्यूज़ जशपुर/कुनकुरी, 27 अगस्त / ईब नदी की पावन धारा के तट में स्थित कंवरधाम के श्रीकृष्ण राधा मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म महोत्सव जन्माष्टमी पर्व के अवसर पर सोमवार को भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की धर्म-पत्नी श्रीमती कौशल्या साय की उपस्थित में भगवान श्रीकृष्ण को माखन और मिश्री का भोग लगा कर पूजा अर्चना की गई। जन्माष्टमी के अवसर पर आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जिले के साथ प़ड़ोसी राज्य ओडिशा और झारखंड से भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु जुटे थे। जन्माष्टमी के अवसर पर कंवरधाम को विशेष रूप से सजाया गया था।

जन्माष्टमी महापर्व का शुभारंभ सोमवार की शाम को 6:00 बजे भजन कीर्तन के साथ हुआ। स्थानीय रामायण मंडली के कलाकारों ने भक्ति-संगीत के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण की लीला का वर्णन कर श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया। कौशल्या साय ने पमशाला के राधा कृष्ण मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण की विधि-विधान से पूजा अर्चना कर, प्रदेश और प्रदेशवासियों की खुशहाली और तरक्की के लिए प्रार्थना की। उन्होनें कहा जन्माष्टमी का पर्व हमें आपस में मिलजुल कर सौहार्द्रपूर्वक रहने की शिक्षा देता है।

कार्यक्रम में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की कथा सुनाते हुए प्रसिद्ध कथावाचिका किशोरी राजकुमारी तिवारी ने श्रद्धालुओं से कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का धरती में अवतरण अधर्म और पाप का नाश कर, धर्म और विश्व शांति को स्थापित करने के लिए हुआ था। उन्होनें बाल्यकाल से लेकर द्वारिका में शासन करने तक जो भी लीला रची, उन सभी में गूढ़ रहस्य छिपा हुआ है। इन रहस्यों को समझना और उसके अनुसार आचरण करना ही मानव धर्म है। उन्होनें कहा कि ईब नदी के तट पर कंवरधाम में जन्माष्टमी के इस पावन अवसर पर हम सबको भगवान श्रीकृष्ण के बताएं मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए। जन्माष्टमी के अवसर पर पमशाला में आयोजित दही कादो का श्रद्धालुओं ने भरपूर आनंद उठाया।

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