JASHPUR CRIME : जंगल में मिला था शव….प्रेम प्रसंग में युवक की हत्या…पिता-पुत्र सहित चार गिरफ्तार… जशपुर पुलिस ने 48 घंटे में खोला हत्या का राज.
September 28, 2024थाना तपकरा क्षेत्र के ग्राम मयूरचुंदी की घटना, जंगल में मिला था शव.
आरोपियों के विरूद्ध चौकी करडेगा थाना तपकरा में भा.न्या.सं. की धारा 103(1), 238(क), 61(2)(क) का अपराध दर्ज.
इस प्रकरण का खुलासा करने में सम्मिलित पुलिस टीम को पुलिस अधीक्षक द्वारा नगद ईनाम से किया गया पुरस्कृत.
आरोपीगण – 1. ईश्वर यादव उम्र 50 साल, 2. संदीप यादव उम्र 23 साल, 3. उग्रसेन यादव उम्र 34 साल 4. बिरजू कुमार यादव उम्र 40 साल सभी निवासी मयूरचुंदी चौकी करडेगा थाना तपकरा.
समदर्शी न्यूज़ जशपुर, 28 सितंबर / प्रकरण के संबंध में पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मामले का विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 26 सितंबर 2024 के प्रातः में ग्राम लोटापानी के जीवन यादव अपने पुत्र बजरंग यादव उम्र 20 साल के गुमशुदा होने की रिपोर्ट दर्ज कराने थाना कुनकुरी में आये थे, उसी दौरान करडेगा पुलिस चैकी में कुछ लोगों द्वारा एक लावारिस मोटर सायकल को चौकी में पहुंचाने की बात सामने आई। इसी दौरान ग्रामीणों से बजरंग यादव के शव को रंगाडीपा जंगल में पड़े होने की सूचना मिलने पर तत्काल पुलिस द्वारा मौके पर जाकर पंचनामा कार्यवाही पश्चात् शव का पी.एम. कराया गया, पी.एम. रिपोर्ट में मृतक की मृत्यू हत्या करने से होना पाये जाने पर अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध धारा 103(1) बी.एन.एस. का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
पुलिस अधीक्षक जशपुर श्री शशि मोहन सिंह द्वारा एसडीओपी कुनकुरी श्री विनोद मंडावी के नेतृत्व में एक टीम गठित कर प्रकरण के सभी पहलुओं को अलग-अलग एंगल से जांच करने के निर्देश दिये गये, टीम द्वारा गुम इंसान एवं मोटर सायकल मिलने की घटना को दोनों को मिलान कर मोटर सायकल चौकी में पहुंचाने वाले संदेही आरोपी ईश्वर यादव, संदीप यादव, उग्रसेन यादव, बिरजू यादव सभी निवासी मयूरचुंदी को अभिरक्षा में लेकर उनसे मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ किया गया। पहले तो सभी संदेहियों ने पुलिस को गुमराह करने का प्रयास कर अपने आपको बचाने व मामले में संलिप्त नहीं होना बताते रहे, परंतु विवेचना में आये तथ्य एवं मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ करने पर ईश्वर यादव ने प्रेम प्रसंग में बजरंग यादव की हत्या करना बताया।
ईश्वर यादव ने बताया कि दिनांक 26 सितंबर 2024 की रात्रि 01:30 बजे इसका पुत्र संदीप यादव ने इसे फोन कर बताया कि बजरंग यादव उनके दुकान घर के खिड़की के पास खड़ा है, यह बताने पर ईश्वर यादव तुरंत टार्च पकड़कर घर से बाहर निकला और देखा कि बरजंग यादव उसके घर के बाहर खिड़की के पास खड़ा था, जिसे पकड़ने के लिये यह दौड़ाया, तब बजरंग यादव उनके घर के पीछे की ओर भाग रहा था, उसी दौरान गांव से जीतिया त्यौहार मनाकर घर लौट रहे संदीप यादव व उग्रसेन यादव दोनों बजरंग यादव का पीछा करने लगे, फिर इनके पीछे-पीछे ईश्वर यादव भी बजरंग यादव का पीछा करने लगा। तीनों बजरंग यादव को ढूंढते हुये एक नाला के पास पहुंचे तो देखे कि बजरंग यादव जमीन में फिसलकर गिर गया था, तब उसे संदीप यादव और उग्रसेन यादव पकड़कर उठाये थे, इतने में ईश्वर यादव भी वहां पहुंच गया और बजरंग यादव से मेरे घर के पास आने के बारे में मारपीट कर पूछने पर वह उनके परिवार की एक लड़की से प्रेम संबंध होना व उसी से मिलने आना बताया। बजरंग यादव से ऐसी बात सुनकर वे आग-बबूला हो गये एवं ईश्वर यादव ने पास रखे डंडा से बजरंग को मारा, संदीप हाथ, मुक्का से मारपीट कर रहा था तथा उग्रसेन यादव उसका हाथ को पकड़ कर रखा हुआ था। संदीप यादव ने बजरंग के गला को दबाया तो वह जमीन में गिर गया, उसकी मृत्यू नहीं होने पर ईश्वर यादव ने जोर से उसका गला को दबाकर मौत के घाट उतार दिया, तत्पश्चात उसके शव को वे तीनों पकड़कर रंगाडीपा जंगल में फेंक दिये। बजरंग यादव का मोटर सायकल जो ईश्वर यादव के आम बगीचा में लावारिस हालत में पड़ा हुआ था, इस मोटर सायकल के बारे में गुमराह करने एवं साक्ष्य मिटाने के लिये इनके द्वारा एक साथी बिरजू कुमार यादव के साथ मिलकर प्रयास किया गया।
आरोपियों का कृत्य उक्त धारा सदर का अपराध पाये जाने पर आरोपीगण ईश्वर यादव उम्र 50 साल, संदीप यादव उम्र 23 साल, उग्रसेन यादव उम्र 34 साल एवं बिरजू कुमार यादव उम्र 40 साल सभी निवासी मयूरचुंदी को दिनांक 28 सितंबर 2024 को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है।
प्रकरण की विवेचना कार्यवाही एवं आरोपियों की गिरफ्तारी में एसडीओपी कुनकुरी श्री विनोद मण्डावी, उपनिरीक्षक सुनील सिंह, उपनिरीक्षक खोमराज ठाकुर, उपनिरीक्षक अशोक यादव, सहायक उपनिरीक्षक रामनाथ राम, सहायक उपनिरीक्षक ईश्वर वारले, उपनिरीक्षक नसरूद्दीन अंसारी, प्रधान आरक्षक 343 मोहन बंजारे, आरक्षक मुकेष भगत, आरक्षक राजेन्द्र राम, आरक्षक अजय लकड़ा, आरक्षक शिवशंकर राम, आरक्षक अविनाश लकड़ा, आरक्षक धीरेन्द्र मधुकर, आरक्षक नंदलाल यादव, आरक्षक अमित त्रिपाठी इत्यादि का सराहनीय योगदान रहा है।